अग्निपथ योजना न फौज हित में है न ही देश हित में - दीपेंद्र हुड्डा

पहले किसानों के हक के लिये लड़े, अब जवानों के हक के लिये लड़ेंगे- दीपेंद्र हुड्डा
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प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था. लेकिन भाजपा सरकार ने पहले किसानों के हितों पर और अब जवानों के हितों पर कुठाराघात किया है.

अंबाला -  हरियाणा युवा कांग्रेस द्वारा अंबाला पंचायत भवन में फ़ौज बचाओ, देश बचाओ मुहिम के तहत आयोजित विशाल मशाल यात्रा में सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से तुरंत अग्निपथ योजना को वापिस लेने की अपील की है. दीपेंद्र हुड्डा ने कहा सरकार राष्ट्रहित में अग्निपथ योजना को तुरंत वापस ले क्योंकि ये योजना न तो फौज के हित में है न ही देश के हित में है और न ही देश के नौजवानों के हित में है. उन्होंने आगे कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था. लेकिन भाजपा सरकार ने पहले किसानों के हितों पर और अब जवानों के हितों पर कुठाराघात किया है.

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि वो पहले किसानों के हक के लिये लड़े, अब जवानों के हक के लिये लड़ेंगे. जब तक सरकार इस योजना को वापस नहीं लेती वो पूरी मजबूती से देश की फौज और देश के जवानों के हितों के साथ खड़े हैं और देश की सेना को कमजोर करने और युवाओं के सपनों को चकनाचूर करने वाले हर कदम का सड़क से संसद तक पुरजोर विरोध करेंगे.
 

सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार को चेताया कि वो युवाओं के भविष्य को चौपट और देश की सेना को कमजोर करने वाला कदम न उठाये. सरकार ने जैसे किसानों से माफ़ी मांगकर तीनों क़ानून वापस लिए वैसे ही युवाओं से माफ़ी मांगकर अग्निपथ योजना वापस ले साथ ही सेना में खाली पड़े 2 लाख स्थायी पदों पर तुरंत भर्ती शुरू करे करे.

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों की नौकरियों में 62 लाख रिक्त पद हैं, जिसमें से अकेले केंद्र सरकार में 26 लाख पद खाली हैं। संसद में उनके सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि फौज में करीब 2 लाख से ज्यादा पद खाली पड़े हैं, तीन साल से भर्तियां बंद हैं। अभी तक हर साल फ़ौज में 60 से 80 हज़ार पक्की भर्तियाँ होती थीं, अब अग्निपथ योजना में हर साल 40-50 हज़ार भर्ती होगी, जिसमें से 75% अग्निवीरों को 4 साल बाद निकाल दिया जायेगा इस हिसाब से अगले 15 साल में हिन्दुस्तान की करीब 14 लाख की फ़ौज का संख्याबल घटकर आधे से भी कम रह जायेगा. फौज का संख्याबल घटेगा, तो बेरोजगारी भी बढ़ेगी.

राज्यसभा सांसद हुड्डा ने कहा कि हरियाणा से बड़ी संख्या में परम्परागत रूप से फौज में भर्ती होती रही है. यहां के विभिन्न इलाकों में पीढ़ी दर पीढ़ी देश के लिये समर्पित होकर सर्वोच्च बलिदान देने की परम्परा रही है. सेना में देश की 2% आबादी वाले हरियाणा से 10% सैनिक देश सेवा के लिये जाते हैं. हरियाणा के गाँव-गाँव में सैनिकों, पूर्व-सैनिकों, अर्ध-सैनिक बलों के जवान और उनके परिवार रहते हैं. लेकिन, अग्निपथ योजना यहां के नौजवानों के लिए बड़े झटके की तरह है.

अग्निपथ योजना के तहत ऑल इंडिया ऑल क्लास के दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वर्ष 2019-20 में हरियाणा से करीब 5000 युवाओं की सेना में पक्की भर्ती हुई थी. लेकिन इस योजना के बाद अब हरियाणा से होनी वाली करीब 5000 पक्की भर्ती घटकर सिर्फ 963 रह जायेगी, इसमें भी 4 साल बाद सिर्फ 240 अग्निवीरों को ही पक्का किया जायेगा और 722 अग्निवीरों को सरकार नौकरी से बाहर कर देगी. इस तरह 'अग्निपथ' योजना हरियाणा समेत पूरे देश के युवाओं पर दोहरी चोट करेगी.

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