दिल्ली आकर अशोक गहलोत ने कहा - घर की बात है, हल निकाल लेंगे, सोनिया गांधी हमारी लीडर हैं

अशोक गहलोत कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे
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सूत्रों का मानना है कि अशोक गहलोत को यह संदेश देने के लिए दिग्विजय सिंह को बुलाया गया है कि वे सचिन पायलट के साथ अपनी अदावत खत्म करें और अध्यक्ष चुनाव पर ध्यान दें.

नई दिल्ली - राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार, 28 सितंबर को दिल्ली आए हैं. इस दौरान उन्होंने मीडिया के बातचीत में कहा कि कांग्रेस का मौजूदा आंतरिक संकट जल्द ही ख़त्म जो जाएगा और उन्होंने इसे घर की बात कहा.

बताया जा रहा है कि आज, 29 सितंबर को अशोक गहलोत कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. इस मुलाकात के बाद राजस्थान घटनाक्रम व अशोक गहलोत के सियासी रोल पर बड़ा फैसला आ सकता है.

हालांकि कल अशोक गहलोत अपनी तरफ से काफी पॉजिटिव नजर आए. दिल्ली पहुंचते ही मीडिया ने उन्हें घेर लिया और मौजूदा संकट को लेकर सवाल किए तो अशोक गहलोत ने कहा, "हमारी पार्टी की परंपरा आज भी है. 50 साल से मैं देख रहा हूं, जो कांग्रेस अध्यक्ष होता है. इंदिरा गांधी के समय से मैं देख रहा हूं, राजीव गांधी नरसिम्हा और अब सोनिया गांधी अध्यक्ष हैं. कितने ही संकट में आए हों, चाहे 40 से 50 सीटों तक आ गए हों. तब भी देश में कांग्रेस नेशनल पार्टी है. सोनिया गांधी हमारी लीडर हैं. यह जो मीडिया में चल रहा है, उसका नजरिया कुछ और हो सकता है. लेकिन ऐसी छोटी-मोटी चीजें चलती रहती हैं."

उन्होंने आगे कहा, "कांग्रेस में हम सब अध्यक्ष के अनुशासन में काम करते हैं. आप देखेंगे कि आने वाले वक्त में भी उन्हीं के हिसाब से फैसले होंगे. हमें चिंता उन लोगों की ह, जिनके लिए राहुल गांधी यात्रा पर निकल पड़े हैं. महंगाई है, बेरोजगारी है या जो तानाशाही चल रही है देश में, राहुल गांधी को उसकी चिंता है. किसी को नहीं मालूम देश किस दिशा में जा रहा है. हमारे लिए उस से मुकाबला करना ज्यादा जरूरी है. घर(कांग्रेस) की बात है. आंतरिक राजनीति में ये सब चलता रहता है. मैं आपको इतना कह सकता हूं कि इसका समाधान हम निकाल लेंगे."

अशोक गहलोत ऐसे समय में दिल्ली आए हैं, जब कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की रेस में तीसरे दावेदार की एंट्री हो गई है. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को लेकर चर्चा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ सकते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गांधी परिवार के करीबियों में शामिल दिग्विजय सिंह और दो दिनों में नामांकन दाखिल कर सकते हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मानें तो कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि अशोक गहलोत को यह संदेश देने के लिए दिग्विजय सिंह को बुलाया गया है कि वे सचिन पायलट के साथ अपनी अदावत खत्म करें और अध्यक्ष चुनाव पर ध्यान दें.

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