अकाली दल में बगावत तेज: नाराज चंदूमाजरा कोर कमेटी मीटिंग में नहीं आए; रिपोर्ट पेश करने पर सवाल

पंजाब विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद शिरोमणि अकाली दल में बगावत तेज 

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 चुनावी हार के कारण खोजने के लिए अकाली दल ने 13 मेंबरी कमेटी बनाई है। यह कमेटी वरिष्ठ नेता इकबाल सिंह झूंदा की अगुआई में बनी थी। इस कमेटी ने कल चंडीगढ़ में हुई कोर कमेटी की मीटिंग में रिपोर्ट सौंपी। जिस पर करीब 5 घंटे मंथन हुआ। इसके बाद वरिष्ठ नेता बलविंदर भूंदड़ ने कहा कि झूदा कमेटी ने 42 सुझाव दिए। जिन्हें मान लिया गया है। 
चुनावी हार के कारण खोजने के लिए अकाली दल ने 13 मेंबरी कमेटी बनाई है। यह कमेटी वरिष्ठ नेता इकबाल सिंह झूंदा की अगुआई में बनी थी। इस कमेटी ने कल चंडीगढ़ में हुई कोर कमेटी की मीटिंग में रिपोर्ट सौंपी। जिस पर करीब 5 घंटे मंथन हुआ। इसके बाद वरिष्ठ नेता बलविंदर भूंदड़ ने कहा कि झूदा कमेटी ने 42 सुझाव दिए। जिन्हें मान लिया गया है। 

चंडीगढ़-  पंजाब विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद शिरोमणि अकाली दल में बगावत तेज हो गई है। वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा कल शिअद की कोर कमेटी मीटिंग में नहीं आए। अब उन्होंने झूंदा कमेटी की रिपोर्ट को सीधे कोर कमेटी में रखने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि पहले इसे समीक्षा कमेटी को भेजा जाना चाहिए था।पहले विधायक मनप्रीत अयाली ने बगावती तेवर दिखाए थे। पार्टी के समर्थन के बावजूद उन्होंने भाजपा समर्थित NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मु को वोट नहीं दिया। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव का ही बहिष्कार कर दिया।

 

 

 चुनावी हार के कारण खोजने के लिए अकाली दल ने 13 मेंबरी कमेटी बनाई है। यह कमेटी वरिष्ठ नेता इकबाल सिंह झूंदा की अगुआई में बनी थी। इस कमेटी ने कल चंडीगढ़ में हुई कोर कमेटी की मीटिंग में रिपोर्ट सौंपी। जिस पर करीब 5 घंटे मंथन हुआ। इसके बाद वरिष्ठ नेता बलविंदर भूंदड़ ने कहा कि झूदा कमेटी ने 42 सुझाव दिए। जिन्हें मान लिया गया है। 

प्रोफेसर चंदूमाजरा ने कहा कि प्रधान सुखबीर बादल ने कमेटी कनवीनर बलविंदर भूंदड़ को कहा था कि वह समीक्षा कमेटी की मीटिंग करें। उसमें झूंदा कमेटी की रिपोर्ट पर विचार करें। फिर एक संयुक्त राय बनाकर कोर कमेटी में लाएं। इसके बावजूद रिपोर्ट सीधे कोर कमेटी में रख दी गई। मैंने रिपोर्ट पढ़ी भी नहीं है। मुझे नहीं पता कि सीधे रिपोर्ट वहां क्यों भेज दी गई। कल मेरे कुछ नजदीकियों के परिजनों का भोग था, इसलिए मुझे वहां भोग पर जाना जरूरी था, इसलिए मैं मीटिंग में नहीं आ सका।

 चुनावी हार के कारण खोजने के लिए अकाली दल ने 13 मेंबरी कमेटी बनाई है। यह कमेटी वरिष्ठ नेता इकबाल सिंह झूंदा की अगुआई में बनी थी। इस कमेटी ने कल चंडीगढ़ में हुई कोर कमेटी की मीटिंग में रिपोर्ट सौंपी। जिस पर करीब 5 घंटे मंथन हुआ। इसके बाद वरिष्ठ नेता बलविंदर भूंदड़ ने कहा कि झूदा कमेटी ने 42 सुझाव दिए। जिन्हें मान लिया गया है। 


अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि रिपोर्ट में हर शब्द पर प्रोफेसर चंदूमाजरा की सलाह ली गई है। वहीं उन्होंने कोर कमेटी मीटिंग से पहले ही बता दिया था कि वह आज मीटिंग में नहीं आ सकते। उन्होंने पूरी बात भी बता दी थी। वहीं कल कोर कमेटी में वही मेंबर थे, जो समीक्षा कमेटी में रखे गए थे।

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