अमित शाह जेल भी गए! और जांच एजेंसियों द्वारा परेशान भी किए गए, परंतु उन्होंने धरना प्रदर्शन नहीं किए

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमित शाह का उदाहरण देते हुए कांग्रेस पर हमला बोला
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Amit Saha
राजनाथ सिंह ने बताया, ‘जांच एजेंसियों ने अमित शाह को जब और जहां भी बुलाया वो गए। अमित शाह इस दौरान जेल भी गए उन्हें कई दिनों के लिए जेल की हवा खानी पड़ी लेकिन उन्होंने कभी इसके लिए हंगामा नहीं किया। अंततः एक दिन सच्चाई सबके सामने आ गई। मानों उन्हें विश्वास था। ऐसी हर चुनौती ने अमित शाह को मजबूत और निडर बना दिया।’ राजनाथ सिंह ने अमित शाह को एक ऐसे राजनेता के रूप में वर्णित किया जो एक नायक (दूरदर्शी) भी हैं और किसी भी क्रेडिट या मान्यता की परवाह नहीं करते हैं।

दिल्ली.  बुधवार को केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह दिल्ली में एक पुस्तक विमोचमन के अवसर पर बोल रहे थे। ‘शब्दांश: अमित शाह के चुनिंदा भाषण’, यह किताब पिछले तीन वर्षों में गृह मंत्री अमित शाह के महत्वपूर्ण भाषणों को लेकर लिखी गई है इसके लेखक शिवानंद द्विवेदी जी हैं। हेराल्ड मनी लांड्रिंग के मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी से पूछताछ होने पर कांग्रेस के देशव्यापी बंद बुलाने को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जोरदार तंज कसा है।

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘यूपीए सरकार के दौरान मौजूदा गृहमंत्री अमित शाह को भी जांच एजेंसियों ने बहुत परेशान किया था लेकिन उन्होंने तो देश व्यापी बंद का आह्वान नहीं किया था। यहां तक कि उन्हें तो जेल भी भेजा गया था तब तो देश में कोई हंगामा या विरोध नहीं किया गया था।’

राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “अमित शाह के जीवन के कई अनुभव हैं इनमें कड़वे और मीठे दोनों अनुभव शामिल हैं। एजेंसियों ने अमित शाह और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी परेशान किया था लेकिन उन लोगों ने तो कोई हाय तौबा नहीं मचाई, पूरे देश में आंदोलन नहीं किया लेकिन शाह ने तो कोई देशव्यापी आंदोलन नहीं छेड़ा था।

”राजनाथ सिंह के ये बोल सीधे तौर पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर एक स्पष्ट कटाक्ष था,पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें हेराल्ड मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया था जिसके विरोध में कांग्रेस देशव्यापी आंदोलन छेड़ दिया था। कांग्रेस कार्यकर्ता पूरे देश में सड़कों पर उतर आए थे।राजनाथ सिंह ने आगे कहा, “वह कम बोलते हैं लेकिन वह जो बोलते है वह सार्थक होता है। कुछ लोगों की यह धारणा होती है कि वह बाहर से बहुत सख्त है… सच तो यह है कि वो अपने दिमाग से बहुत कुछ पढ़ते हैं। वह जटिल मुद्दों पर उदाहरणों के साथ पूरी सहजता से बात करते हैं, जिससे उनकी बातचीत समझने में लोगों को काफी आसान हो जाता है। इस किताब में अमित शाह के भाषण भारत की सुरक्षा नीति के साथ-साथ शासन पर कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देते हैं।”

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