जाटों को मनाने की कोशिश में BJP, धनखड़ की उम्मीदवारी की सियासत समझें

राज्यों में जाटों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। साथ ही 2024 में लोकसभा का चुनाव भी है।
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Dhankar
भाजपा ने जगदीश धनखड़ को उप राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाकर देश के सबसे अधिक यानी चालीस फीसद से अधिक ओबीसी समुदाय को भी सियासी मैसेज देने का प्रयास किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि भाजपा के इस फैसले से जाटों और किसानों की नाराजगी दूर हो जाए। धनखड़ के जरिए भाजपा मणिपुर के राज्यपाल और जाट नेता सत्यपाल मलिक को भी एक तरीके से जबाव दे पाएगी, जो पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार पर ही हमलावर रहे हैं। उनके रिटायर होने के साथ जन आंदोलनों से जुड़ने की बात के साथ ही भाजपा को ऐसे जाट नेता की जरूरत थी जो किसानों और जाटों को साध पाए, जिसे धनखड़ पूरा कर पाएंगे।

दिल्ली. बीजेपी ने जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाकर एक तरह से राजस्थान, यूपी और हरियाणा के जाटों को साधने की कोशिश की है। राजस्थान में अगले साल चुनाव है तो वहीं हरियाणा में 2024 में। इन राज्यों में जाटों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जाती रही है। साथ ही 2024 में लोकसभा का चुनाव भी है।

जिस तरह भाजपा ने अपने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के लिए विपक्ष में और कांग्रेस के साथ गठबंधन में पार्टियों के वोट हासिल किए हैं, वैसे ही धनखड़ को नामित करके भाजपा ने जाट समर्थन हासिल करने का प्रयास किया है, जिसे फिलहाल कृषि कानून और किसान आंदोलन के कारण भाजपा से नाराज माना जा रहा है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने धनखड़ की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए उन्हें ‘किसान-पुत्र’ बताया है। नड्डा ने इस बयान से उन लोगों के लिए एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश की है, जो ये दावा करते हैं कि भाजपा जाट और किसान विरोधी है।

हालांकि धनखड़ की उम्मीदवारी को लेकर अभी तक ममता बनर्जी की पार्टी ने चुप्पी साध रखी है। धनखड़ बंगाल के राज्यपाल हैं, जहां उनका ममता सरकार और टीएमसी दोनों के साथ छत्तीस का आंकड़ा रहा है। टीएमसी धनखड़ पर केंद्र के इशारे पर काम करने का आरोप लगाती रही है।

धनखड़ के एनडीए के उपराष्ट्रपति पद उम्मीदवार के रूप में नामांकन पर टीएमसी ने सतर्क रुख अपनाया। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा- “टीएमसी अभी इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देगी। हमारी पार्टी की अध्यक्ष ममता बनर्जी पार्टी के सभी सांसदों की बैठक बुलाएंगी। इसके बाद इसपर प्रतिक्रिया देंगी।

टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने धनखड़ की उम्मीदवारी को लेकर कहा कि हम अभी 21 जुलाई को होने वाली शहीद दिवस की सालगिरह रैली में व्यस्त हैं। उस रैली के बाद, हमारी पार्टी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने एक बैठक बुलाई है जहां पार्टी उप-राष्ट्रपति चुनाव पर निर्णय लेगी।हालांकि इस घोषणा पर बंगाल बीजेपी में खुशी और उत्साह दोनों दिख रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ट्वीट कर कहा- “माननीय राज्यपाल जगदीप धनखड़ जी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर बधाई। उनका विशाल अनुभव और गहरा ज्ञान उन्हें देश की बेहतर सेवा करने और इस पद के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प बनाने में मदद करेगा। मैं उसे शुभकामनाएं देता हूं।”

बंगाल भाजपा महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा- “पिछले तीन वर्षों में जगदीप धनखड़ ने बंगाल में कुशासन का पर्दाफाश किया है। कानून- व्यवस्था से लेकर खराब शासन तक पर, धनखड़ ने संवैधानिक नियमों के अनुसार अपने विचारों को रखा है। वर्तमान में वह देश के सबसे बड़े जाट नेता हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष नड्डा को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। निश्चित रूप से, हम विपक्षी राजनीतिक दलों के सदस्य बंगाल में उन्हें याद करेंगे, लेकिन देश को फायदा होगा।”

वहीं बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर चौधरी ने इस घोषणा को लेकर कहा- “हमें नहीं पता कि धनखड़ एक किसान का बेटा हैं या नहीं, लेकिन वह एक प्रसिद्ध वकील और उच्च शिक्षित हैं। लेकिन, यह एक राजनीतिक लड़ाई है और हमारी पार्टी उसी के अनुसार फैसला करेगी।”

इसे लेकर माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा- “हम समझ सकते हैं कि धनखड़ ने ममता बनर्जी और हिमंत बिस्वा सरमा के साथ वह बैठक क्यों की। यह अब दिन के उजाले की तरह साफ है। अब सवाल यह है कि जिस तरह से धनखड़ ने यहां पश्चिम बंगाल में भाजपा की मदद की, उन्हें और सम्मान दिया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि वो अपमानित हुए हैं।” 

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