अशोक गहलोत ने कहा, "जीत में सभी भागीदारी बनना चाहते हैं, हार में कोई नहीं"
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जयपुर: राजस्थान में राज्यसभा के चुनावों को लेकर कांग्रेस के स्थानीय नेता काफ़ी नाराज हैं। इसी को चलते अशोक गहलोत की सरकार राज्यसभा के चुनावों को लेकर बाड़ाबंदी में जुटी है। विधायकों को बसों और पर्सनल गाड़ियों में भरकर उदयपुर भेजा जा रहा है। हालांकि बताया जा रहा है कि 125 विधायकों में से 65 ही उदयपुर पहुंच पाए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सख़्त मोड में नज़र आ रहे हैं। आये दिन विधायकों से लेकर ब्यूरोक्रेसी पर सख़्त टिप्पणियां कर रहे हैं।
इसी कड़ी में जयपुर के एक होटल में कांग्रेस के दो दिवसीय कैम्प में मुख्यमंत्री ने ब्यूरोक्रेसी पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "वे तो परमानेंट हैं अफ़सर तभी साथ देता है, जब लगता है कि आप मज़बूत हैं ब्यूरोक्रेसी तो सवार ढूंढती है, आप मजबूत हैं तो वो साथ है। जब अफसरों को लगता है कि सरकार जाने वाली है तो मुंह फेर लेते हैं। हमें लगेगा कि अफ़सर निकम्मा और करप्ट है तो एक मिनट लगेगी हटाने में।"
सचिन पायलट पर भी साधा निशाना
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट का नाम न लेते हुए कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ और राजस्थान में रिपीट हो, मध्यप्रदेश में सरकार बना पाए, तब जाकर हम 2024 का लोकसभा चुनाव जीत पाएंगे। हारे क्यों, जीते क्यों सभी को मालूम है। हमे अभी से 2024 की तैयारी करनी होगी।
इसके बाद उन्होंने कहा कि जीत में सभी भागीदारी बनना चाहते हैं, हार में कोई नहीं।
राज्यसभा की चार सीटों पर 10 जून को चुनाव होने हैं। राज्यसभा कांग्रेस ने चार सीटों के लिए तीन उम्मीदवार रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी चुनाव मैदान में है जबकि भाजपा ने घनश्याम तिवारी को चुनाव मैदान में उतारा है। हरियाणा के निर्दलीय सांसद सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया । चंद्रा को भाजपा सर्मथन दे रही है।