देश में अघोषित आपातकाल के हालात - यशवंत सिन्हा

जिस अटल-आडवाणी ने इमरजेंसी के खिलाफ बुलंद की थी आवाज, आज उन्हीं की पार्टी ने लगा रखा है अघोषित आपातकाल- यशवंत सिन्हा का BJP पर वार
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Yashwant sinha
कभी खुद बीजेपी के कद्दावर नेता रहे यशवंत सिन्हा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “आज प्रेस सहित संवैधानिक मूल्य और लोकतांत्रिक संस्थान खतरे में हैं। देश में इस समय अघोषित आपातकाल है। लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी (1975 और 1977 के बीच) आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उसके लिए जेल भी गए। लेकिन आज उनकी ही पार्टी (भाजपा) ने देश में आपातकाल लगा दिया है। यह विडंबना है।”

दिल्ली. विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी पर एक बार फिर निशाना साधा है। वहीं यशवंत सिन्हा ने एनडीए की ओर से घोषित राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को ‘रबर स्टाम्प’ कैंडिडेट करार दिया है। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश में अघोषित आपातकाल लगा हुआ है और संस्थानों को कमज़ोर किया गया है।

शुक्रवार को यशवंत सिन्हा गुजरात दौरे पर थे और इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के नेताओं और विधायकों से मुलाकात की और अपने लिए उनसे समर्थन मांगा। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, “यह लड़ाई अब बहुत बड़ी लड़ाई में बदल गई है। यह लड़ाई इस बारे में है कि क्या वह (द्रौपदी मुर्मू) राष्ट्रपति बनने के बाद संविधान को बचाने के लिए अपने अधिकारों का उपयोग करेंगी। यह स्पष्ट है कि एक ‘रबर स्टाम्प’ राष्ट्रपति ऐसा करने की कोशिश कभी नहीं करेगा।”

कभी खुद बीजेपी के कद्दावर नेता रहे यशवंत सिन्हा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “आज प्रेस सहित संवैधानिक मूल्य और लोकतांत्रिक संस्थान खतरे में हैं। देश में इस समय अघोषित आपातकाल है। लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी (1975 और 1977 के बीच) आपातकाल के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उसके लिए जेल भी गए। लेकिन आज उनकी ही पार्टी (भाजपा) ने देश में आपातकाल लगा दिया है। यह विडंबना है।”

यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की घटनाओं के बारे में न बोलने के लिए भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “दो हत्याएं हुईं। मेरे सहित सभी ने इसकी निंदा की। लेकिन न तो पीएम ने और न ही गृह मंत्री ने एक शब्द भी बोला। वे चुप हैं क्योंकि वह वोट पाने के लिए ऐसे मुद्दों को जिंदा रखना चाहते हैं।”

बता दें कि एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है। वह आदिवासी समाज से आती हैं और झारखण्ड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। राष्ट्रपति चुनाव में उनकी जीत तय भी मानी जा रही क्योंकि एनडीए के अलावा कई दलों ने उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया है। 

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