पंजाब के मंत्री के हड़काने के बाद, पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी के भाई की पत्नी डॉक्टर मनिंदर कौर ने लिया प्री-मेच्‍योर रिटायरमेंट

स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर मनिंदर कौर को अस्पताल में खराब पंखों और गंदगी को लेकर फटकार लगाई।
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सीएम
डॉ कौर बतौर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी खरड़ सिविल अस्पताल में तैनात थीं। स्वास्थ्य मंत्री जौरामाजरा ने इस अस्पताल के दौरे के दौरान खराब पंखे और गंदगी के लिए डॉ कौर को कथित तौर पर फटकार लगाई थी। इस बीच, मुख्यमंत्री भगवंत मान के माफी मांगने के बावजूद डॉ राज बहादुर वापस नहीं आए हैं। भले ही सीएम भगवंत मान ने डॉक्टर बहादुर से माफी मांगी, लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ने स्वास्थ्य मंत्री के ‘नियमित निरीक्षण’ के लिए उनका समर्थन किया।

चंडीगढ़. आम आदमी पार्टी की सरकार के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा एक बार फिर विवादों में हैं। दरअसल उन्होंने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की भाभी डॉक्टर मनिंदर कौर को अस्पताल में खराब पंखों और गंदगी को लेकर फटकार लगाई। इस वाकए के बाद डॉक्टर मनिंदर कौर ने इस्तीफा दे दिया और समय से पहले रिटायरमेंट की मांग की है। 

इसके पहले स्वास्थ्य मंत्री ने बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राज बहादुर को कैमरे के सामने अपनमानित किया था जिसके तुरंत बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। जिसको लेकर पंजाब की भगवंत मान सरकार के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री की भी जमकर आलोचना हुई थी। वहीं मनिंदर कौर के पति डॉ. मनोहर सिंह ने बताया था कि उनकी पत्नी ने स्वास्थ्य मंत्री के दौरे से पहले ही अपना फैसला ले लिया था लेकिन सूत्रों के मुताबिक ये भी पता चला है कि स्वास्थ्य मंत्री के अस्पताल से जाने के बाद उनका नाम ट्रांसफर की लिस्ट में था।

स्वास्थ्य मंत्री के बाबा फरीद स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राज बहादुर को कैमरे के सामने अपमानित करने के बाद जब उन्होंने इस्तीफा दे दिया था तब सीएम चन्नी ने उन्हें मनाया था और उनसे अस्पताल आने का निवेदन किया था। एक ओर जहां भगवंत मान लोगों को मना कर समझा बुझा कर डैमेज कंट्रोल करके पंजाब सरकार की छवि धूमिल होने से बचा रहे हैं तो वहीं जौरामाजरा जैसे मंत्री सरकार का ही पलीता लगाने में लगे हुए हैं।

सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा के खरड़ सिविल अस्पताल के दौरे के दो दिन बाद उनका खरड़ सिविल अस्पताल से बरनाला जिले के धनौला में ट्रांसफर कर दिया गया था। हालांकि, मनोहर सिंह ने तर्क दिया, ‘मेरी पत्नी ने निजी वजहों से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली है।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘हम खरड़ में रह रहे हैं और हम बरनाला में शिफ्ट नहीं हो सकते।’

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