राव इंद्रजीत की बढ़ती मुश्किलें, भाजपा ने केंद्रीय संसदीय बोर्ड में सुधा यादव को किया शामिल

काफी समय से राव बगावती तेवर में नजर आने वाले राव इन्द्रजीत दक्षिणी हरियाणा के कद्दावर नेता हैं
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भाजपा नेतृत्व ने उनके जरिये पूरे देश के ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की है। ​​​​​​​हरियाणा में BJP के कई सीनियर नेता हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी जगह संसदीय बोर्ड में सुधा यादव को शामिल कर सबको चौंका दियासुधा यादव इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय सचिव भी रह चुकी हैं। सुधा यादव ओबीसी से आती हैं।  सुधा यादव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की करीबी हैं। 
1999 के लोकसभा चुनाव में सुधा यादव गुरुग्राम सीट से राव इंद्रजीत को हरा भी चुकी हैं। तब राव इंद्रजीत कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक थे जबकि सुधा यादव का वह पहला लोकसभा चुनाव था। भाजपा  के केंद्रीय संसदीय बोर्ड में इकलौती महिला के तौर पर जगह पाने वाली सुधा यादव अहीरवाल बेल्ट में पड़ते रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं। 

रेवाड़ी- लोकसभा चुनाव में भाजपा ने महेन्द्रगढ़ लोकसभा सीट से सुधा यादव को टिकट दिया। राव इंद्रजीत तब महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी थे और वह सुधा यादव से चुनाव हार गए। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राव इन्द्रजीत भाजपा में शामिल हो गए और तब से वह गुरुग्राम से BJP के सांसद हैं। भाजपा ने अगली बार भी सुधा यादव को राव के खिलाफ मैदान में उतारा मगर वह जीत नहीं पाईं।  अहीरवाल के बलबूते पर राजनिती करने वाले राव इंद्रजीत की भाजपा में अब मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं।

भाजपा नेतृत्व ने उनके जरिये पूरे देश के ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की है। ​​​​​​​हरियाणा में BJP के कई सीनियर नेता हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी जगह संसदीय बोर्ड में सुधा यादव को शामिल कर सबको चौंका दियासुधा यादव इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय सचिव भी रह चुकी हैं। सुधा यादव ओबीसी से आती हैं।  सुधा यादव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की करीबी हैं। 

प्रदेश भाजपा के नेताओं के साथ राव की कोई खास जमती नहीं है। इसलिए केंद्र में भी पार्टी सबक सिखाने के मूड में दिख रही है। दरअसल भाजपा ने 11 मेंबरी संसदीय बोर्ड में सुधा यादव को शामिल कर राव इंद्रजीत को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि उनके आगे अब और नहीं झुका जाएगा।भाजपा  के केंद्रीय संसदीय बोर्ड में इकलौती महिला के तौर पर जगह पाने वाली सुधा यादव अहीरवाल बेल्ट में पड़ते रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं। सुधा यादव कारगिल में शहीद हुए BSF के डिप्टी कमांडेंट सुखबीर यादव की पत्नी हैं और अहीरवाल में राव इंद्रजीत के विरोधी गुट से ताल्लुक रखती हैं।  


राव इंद्रजीत इस समय हरियाणा के गुरुग्राम से BJP सांसद और मोदी सरकार में सांख्यिकी मंत्रालय के स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री हैं। राव इंद्रजीत दक्षिणी हरियाणा की अहीरवाल बेल्ट में मजबूत पकड़ रखते हैं और इस बेल्ट में आज तक उनके कद का कोई दूसरा नेता नहीं उभर पाया। यही वजह है कि वह अहीरवाल की राजनीति को अपने हिसाब से चलाते रहे हैं मगर अब BJP के अंदर उन्हें यहां से चुनौती मिलती दिख रही है।

राव इन्द्रजीत के BJP में आने के बाद यहां पार्टी की ताकत बढ़ी लेकिन 8 साल बाद भी राव इन्द्रजीत खुद को BJP में सहज नहीं पा रहे। पिछले काफी समय से वह बगावती तेवर दिखा रहे हैं। राव इन्द्रजीत दक्षिणी हरियाणा के कद्दावर नेता हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले तक दक्षिण हरियाणा और अहीरवाल बेल्ट में भाजपा बेहद कमजोर थी। हालांकि राव इंद्रजीत ने BJP के केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा। उनके निशाने पर हमेशा से हरियाणा भाजपा के नेता और राज्य की सरकार ही रही।

राव इन्द्रजीत के BJP में आने के बाद यहां पार्टी की ताकत बढ़ी लेकिन 8 साल बाद भी राव इन्द्रजीत खुद को BJP में सहज नहीं पा रहे। पिछले काफी समय से वह बगावती तेवर दिखा रहे हैं। राव इन्द्रजीत दक्षिणी हरियाणा के कद्दावर नेता हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले तक दक्षिण हरियाणा और अहीरवाल बेल्ट में भाजपा बेहद कमजोर थी। हालांकि राव इंद्रजीत ने BJP के केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा। उनके निशाने पर हमेशा से हरियाणा भाजपा के नेता और राज्य की सरकार ही रही।

भाजपा नेतृत्व ने उनके जरिये पूरे देश के ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की है। ​​​​​​​हरियाणा में BJP के कई सीनियर नेता हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी जगह संसदीय बोर्ड में सुधा यादव को शामिल कर सबको चौंका दियासुधा यादव इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय सचिव भी रह चुकी हैं। सुधा यादव ओबीसी से आती हैं।  सुधा यादव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की करीबी हैं। 

भाजपा नेतृत्व ने उनके जरिये पूरे देश के ओबीसी वर्ग को साधने की कोशिश की है। ​​​​​​​हरियाणा में BJP के कई सीनियर नेता हैं लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी जगह संसदीय बोर्ड में सुधा यादव को शामिल कर सबको चौंका दियासुधा यादव इससे पहले भाजपा की राष्ट्रीय सचिव भी रह चुकी हैं। सुधा यादव ओबीसी से आती हैं।  सुधा यादव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की करीबी हैं। 
 

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