गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर मनीष तिवारी बोले- जब चपरासी कांग्रेस के बारे में ज्ञान देते हैं तो हंसी आती है

कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा - उनका रोना एक नौटंकी था
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उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज़्बाती, खुददार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने की रही है। कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह खैरात में नहीं मिला है।किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।  
कांग्रेस नेताओं के चपरासी जब पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं तो  हंसी आती है।  आजाद के पांच पन्नों के पत्र के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की थी। 

चंडीगढ़- गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनके लिए कांग्रेस में किसी चीज की कमी नहीं थी। कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के लिए टिकट नहीं मिलेगी तो उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।  गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने वह समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे। हम एक गंभीर स्थिति में हैं। जो हुआ वह खेदजनक, दुर्भाग्यपूर्ण है। अजीब बात यह है कि जिन लोगों में वार्ड चुनाव लड़ने की क्षमता नहीं है, वे कांग्रेस नेताओं के चपरासी थे, जब पार्टी के बारे में ज्ञान दिया जाता है तो यह हास्यास्पद है।  

उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज़्बाती, खुददार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने की रही है। कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह खैरात में नहीं मिला है।किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।  

उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज़्बाती, खुददार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने की रही है। कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह खैरात में नहीं मिला है।किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।  


कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उनका रोना एक नौटंकी था। गुलाम नबी के लिए रोने की कोई वजह नहीं थी। हिंदुस्तान में लाखों लोग कोविड से मर रहे थे तब मोदी जी ने किसी के लिए खेद तक व्यक्त नहीं किया । कांग्रेस नेताओं के चपरासी जब पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं तो  हंसी आती है।   आजाद के पांच पन्नों के पत्र के गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना की थी। 

उन्होंने कहा कि उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज़्बाती, खुददार लोग होते हैं। पिछले 1000 साल से इनकी तासीर आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ने की रही है। कांग्रेस की बगिया को बहुत लोगों, परिवारों ने अपने खून से संजोया है। अगर किसी को कुछ मिला वह खैरात में नहीं मिला है।किसी को इन लोगों के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए।  

मनीष तिवारी ने आगे कहा कि दो साल पहले हम 23 लोगों ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखकर बताया था कि कांग्रेस की परिस्थिति चिंताजनक है जिसपर विचार करने की ज़रूरत है। मनीष तिवारी ने आगे कहा कि हमें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।  अब अगर आप हमें बाहर निकालने की कोशिश करेंगे तो यह दूसरी बात है। मैंने इस पार्टी को 42 साल दिए हैं। मैं यह पहले भी कह चुका हूं, हम कांग्रेस के किरायेदार नहीं हैं, हम सदस्य हैं।

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