2002 गुजरात दंगों को लेकर अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी, कहा 'मोदी जी ने शिवजी की तरफ विष पिया है', पढ़िए पूरा इंटरव्यू

दिल्ली: हाल में सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने 2002 के गुजरात दंगों(2002 Gujarat Riots) में मारे गए तत्कालीन कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री(Former Congress Parliamentarian Ehsan Jafri) की पत्नी जाकिया जाफ़री(Zakia Jafri) की एक याचिका को खारिज़ कर दिया है। जिसमें गुजरात दंगों की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के ऊपर सवाल उठाए गए थे। दायर याचिका में एसआईटी(Special Investigation Team) की जांच को आधी-अधूरी बताया गया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी(Then Chief Minister Narendra Modi) समेत 67 अभियुक्तों(Accused) के खिलाफ दुबारा से जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी की रिपोर्ट को अंतिम फैसला मानते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य लोगों को क्लीन चिट दी है।
ज़ाकिर जाफ़री ने एक बार फिर 2002 में हुए गुजरात दंगों को मुख्यधारा की राजनीति में ला दिया है। शनिवार को एक न्यूज़ एजेंसी को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(Home Minister Amit Shah) ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इंटरव्यू में कई बातों का खुलासा किया है। अमित शाह ने इंटरव्यू में कहा कि सुप्रीम कोर्ट की जजमेंट ने एक बार सिद्ध कर दिया है कि तत्कालीन गुजरात सरकार पर लगाये गए तमाम आरोप पॉलिटिकली मोटिवेटेड(Politically Motivated) थे। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संघर्ष को नजदीक से देखा है। उन्होंने कहा कि जिन भी लोगों ने नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए उन्हें बीजेपी और मोदी जी से माफी मांगनी चाहिए।
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा" सुप्रीम कोर्ट की हाल ही में आई जजमेंट ने ये सिद्ध कर दिया है कि सभी आरोप पॉलिटिकली मोटिवेटेड थे। उन्होंने कहा," 18-19 साल से देश का एक बड़ा नेता बिना कुछ बोले सभी दुखों को भगवान शंकर के विषपान की तरह गले में उतारकर,सहन कर लड़ता रहा। मैंने मोदी जी को नजदीकी से इस दर्द को झेलते हुए देखा है। कोई मजबूत मन का आदमी ही ऐसा स्टैंड ले सकता है।"
अमित शाह ने पुलिस और ब्यूरोक्रेसी(Bureaucracy) के नाकाम रहने के सवाल पर कहा कि भाजपा विरोधी राजनीतिक दल और कुछ आइडियोलॉजी (Ideology)के लिए राजनीति में आये पत्रकार व NGOs ने मिलकर आरोपों को इतना प्रचारित किया और इनका इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि बार बार झूठ दोहराने पर भी लोगों ने इसे सच मान लिया। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जाकिया जाफ़री किसी और के निर्देश पर काम करती थी। कई NGOs ने पीड़ितों के हलफनामे पर झूठे हस्ताक्षर किए। सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़(Teesta Setalvad) की NGO ये सब कर रही थी और उस समय की आई यूपीए सरकार ने इन NGO को ख़ूब मदद की थी। गृह मंत्री ने कहा कि सब जानते हैं कि मोदी जी की छवि खराब करने के लिए ये सब किया गया था।
एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि गुजरात के दंगों का मूल कारण गुजराती ट्रेन को जलाना था। 60 लोगों को और 16 दिन की बच्ची को उसकी मां की गोद मे बैठे जलते हुए मैंने देखा है और उनका उनका अंतिम संस्कार भी मैंने किया है इसके कारण दंगे हुए और आगे की दंगे राजनीति से प्रेरित होकर हुए थे। तत्कालीन सरकार के खिलाफ जो स्टिंग ऑपरेशन(Sting Operation) हुआ था उसे भी सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया है।
बता दें कि 2002 के गुजरात दंगों में गुस्साई भीड़ ने अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी(Gulberg Society) में 72 साल के कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री को घर से निकाल गले मे जलता हुआ टायर डाल दिया था जिसके बाद उनकी जलकर मौत हो गई थी।