‘भारत में सबसे ज़्यादा ग़ैर महफ़ूज़ मुसलमान’, ओवैसी ने पीएम मोदी से की ये उम्मीद

ओवैसी ने कहा कि हम उम्मीद करते है की प्रधानमंत्री अपने लाल क़िले के भाषण में मुल्क के मजलूमो का ज़िक्र करेंगे.
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असदुद्दीन ओवैसी
असदुद्दीन ओवैसी ने गौरक्षकों पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी का मतलब ये नहीं की गौरक्षकों को कुछ भी करने की आजादी मिल जाए. भारत के इतिहास में मुसलमानों का भी काफी योगदान है, हमें साथ मिलकर आजादी का जश्न मनाना है.

नई दिल्ली - ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री से ये उम्मीद की है कि वे अपने लाल क़िले के भाषण में मुल्क के मजलूमो का ज़िक्र करेंगे. इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि भारत में अगर सब से ज़्यादा किसी की बेइज्जती की जाती है तो वो मुसलमान है. भारत में मुसलमान महफूज नहीं है.

इसी के साथ ओवैसी ने कहा कि भारत के इतिहास में मुसलमानों का भी काफी योगदान है, हमें साथ मिलकर आजादी का जश्न मनाना है. उन्होंने कहा कि हमारे देश को आज भी गरीबी से छुटकारा नहीं पाया जा सका है. आज भी देश में किसानों की आय कम है. वहीं गौरक्षकों पर हमला बोलते हुए कहा कि आजादी का मतलब ये नहीं की गौरक्षकों को कुछ भी करने की आजादी मिल जाए.

ओवैसी ने इस दौरान केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन ने आज हमारे 100 sq km पर कबजा कर लिया है लेकिन आवाज उठाने वाला कोई नहीं है. आज देश में अगर कोई सबसे पिछड़ा है तो मुसलमान है. वहीं आजादी की लड़ाई में मुसलमानों की भूमिका को सांप्रदायिक ताकतें खत्म करने की कोशिश कर रही हैं.

ओवैसी ने कहा कि पूरा देश आजादी के 75वां साल मना रहा है, वहीं दूसरी तरफ फासीवादी और सांप्रदायिक ताकतें चाहती हैं कि देश की आजादी की जो लड़ाई मुसलमानों ने लड़ी है उसे खत्म कर दिया जाए. लेकिन सब मिलकर रहेंगे तभी इस देश का विकास होगा लोग खुशहाल होंगे. ये तमाम बातें ओवैसी ने हैदराबाद के जलसा कार्यक्रम में कही.

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