MLA नीरज शर्मा का विवेक बंसल पर कटाक्ष: कांग्रेस प्रभारी झूठे और फरेबी
पंचकूला में लगने जा रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर में विवेक बंसल का नाम नहीं, नीरज शर्मा बोले- बंसल ताला नगरी से आते हैं, चोर चाबी रख रखी है

हिसार- नीरज शर्मा ने कहा कि पार्टी मुझे ही निकाल दें, बंसल के अंदर नैतिकता है तो इस मुद्दे पर नैतिकता के आधार पर जवाब दें। विवेक बंसल ने अपनी रिपोर्ट में किसी का नाम डिक्लेयर नहीं किया। वे ताला नगरी से आते हैं, चोर चाबी रख रखी है, जो बोले, उसी को फंसा दो। इस झूठे और फरेबी व्यक्ति को कांग्रेस का प्रभारी तो क्या पार्टी में रहने का अधिकार नहीं है। शक की सुई इन पर जाती है। बंसल ने कुलदीप बिश्नोई का नाम तो सरेआम बोल दिया, क्योंकि वह आपके साथ मिला नहीं है। उसने क्या गुनाह किया। एक काली भेड़ का नाम सार्वजनिक हो और हमारे साथ न बैठें। काली भेड़ तो किसी की भी नहीं हुई। विवेक बंसल के कारण ही पार्टी की किरकरी हो रही।
नीरज शर्मा ने कांग्रेसी विधायक कुलदीप वत्स के समर्थन में पहले कहा था कि 10 जून को वोट पड़े थे। विवेक बंसल पोलिंग एजेंट थे और प्रभारी भी थे। कुलदीप वत्स के खिलाफ पार्टी में एक्शन और कानूनी कार्रवाई की बात हो रही है। अच्छा होता कि पहले एक्शन उस काली भेड़ पर लिया जाता, जिसने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की। तीन संभावनाएं हैं, बंसल जी या तो नाम छिपा रहे हैं या बंसल को पता नहीं। वोट तो सब MLA ने दिखाई है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी ने वोट नहीं दिखाई या तीसरा यह हो सकता है कि काउंटिंग के समय रात को कोई भूत प्रेत आया और लकीर के नीचे टिक मार्क कर दिया।
दो महीने बीत जाने के बाद भी उस काली भेड़ का नाम सार्वजनिक नहीं हुआ, जिसने राज्यसभा चुनाव में अजय माकन को वोट नहीं दिया। इनका काम क्या था, 31 MLA की वोट देखनी। सभी ने वोट दिखाई। रायपुर में 2 से 3 दिन गायब भी रहे। मेरे पास सबूत हैं। शक्ति सिंह गोयल ने ट्रेनिंग के दौरान यह नहीं सिखाया कि क्रॉस वोट करें तो हल्ला कर देना और दूसरी काली भेड़ को छिपा देना। बंसल ने एक भी हिदायत का पालन नहीं किया। हम 29 विधायकों की मेहनत पर 1 विधायक ने पानी फेर दिया।
एक अगस्त को पंचकूला में लगने जा रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल का नाम नहीं है। फरीदाबाद NIT के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने एक बार फिर विवेक बंसल पर तंज कसा है। नीरज ने कहा कि उनका कर्म ऐसा है कि नहीं निमंत्रण मिला तो अच्छी बात है। उन्होंने अपने आप को निमंत्रण लेने योग्य छोड़ा भी नहीं है।