राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर सियासत, अब उद्धव ठाकरे ने की कार्रवाई की मांग

मुंबई - महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है. शिवसेना (Shiv Sena) सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) के बाद अब पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राज्यपाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कार्रवाई की मांग की है.
उद्धव ठाकरे ने मुंबई में प्रेस वार्ता कर कहा कि वह राज्यपाल पद का अपमान नहीं चाहतै हैं लेकिन जो उस कुर्सी पर बैठा है, उसे भी उसका मान रखना चाहिए. ठाकरे ने आगे कहा, ''जय हिंद जय महाराष्ट्र के नारे से आज की पीसी शुरू कर रहा हूं. कब तक उनका मान करेंगे. मैं राज्यपाल पद का अपमान कहीं भी करना नहीं चाहता हूं लेकिन जो उस कुर्सी पर बैठता है उसे भी उसका मान रखना चाहिए.
ठाकरे ने आगे कहा कि कोश्यारी के पिछले तीन वर्षों के बयान देखिये. जब मैं सीएम था तब कोविड था लेकिन इन्हें धार्मिक स्थल शुरू करने की जल्दबाजी थी. महाराष्ट्र में रहकर इस तरह मराठी लोगों का अपमान कर रहें है. कोल्हापुर का चप्पल उन्होंने नहीं देखा, कोल्हापूर का चप्पल उन्हें दिखाने की जरूरत नहीं है. कौन इस बयान को कैसे लेता है, यह मैं नहीं कह सकता हूं. यह बयान ऐसे ही नहीं आया है.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्यपाल की पदवी पर बैठे व्यक्ति के ऊपर करवाई होनी चाहिए, ऐसी हमारी मांग है. बता दें कि महाराष्ट्र में ही एक कार्यक्रम में राज्यपाल कोश्यारी ने अपने विवादास्पद बयान में कहा था कि अगर राज्य से, खासकर मुंबई और ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानी लोगों को निकाल दिया जाए तो यहां कोई पैसा नहीं बचेगा.
विवाद गरमाने के बाद राज्यपाल ने अपने बयान पर सफाई भी दी है. उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के निर्माण में मराठियों का सबसे ज्यादा योगदान है. राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि कल राजस्थानी समाज के कार्यक्रम में मैंने जो बयान दिया था, उसमें मेरा मराठी आदमी को कम करके आंकने का कोई इरादा नहीं था.
इससे पहले शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा महाराष्ट्र में बीजेपी समर्थित सीएम होते हुए राज्यपाल कोश्यारी के बयान से मराठी लोगों के साथ-साथ छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान हुआ है. उन्होंने कहा कि कम से कम सीएम एकनाथ शिंदे को इस मामले पर चुप नहीं बैठना चाहिए.