महबूबा मुफ्ती के बाद अखिलेश यादव ने कसा रामनाथ कोविंद पर तंज, कहा 'राष्ट्रपति रहते उनके समाज का कुछ नहीं हुआ'

लखनऊ - भारत की पहली आदिवासी समाज से महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू(President Draupadi Murmu) ने सोमवार 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ली. इससे एक दिन पहले 24 जुलाई को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(Ramnath Kovind) का कार्यकाल खत्म हुआ. जिसके बाद उनपर सियासी हमले शुरू हो गए हैं. पूर्व राज्य जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती(Former CM Mehbooba Mufti) के बाद सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनपर कटाक्ष किया है.
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) ने कहा कि रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति रहते हुए उनके समाज में कुछ बदलाव नहीं देखने को मिला है. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी को लपेटे में लेते हुए कहा कि पार्टी किसी को बोलने नहीं देगी. सोमवार को मीडिया से बातचीत में अखिलेश यादव ने कहा, "राष्ट्रपति जो अब रिटयर हो रहे हैं, वो बिल्कुल पड़ोस के हैं और उनके रहते-रहते उनके समाज और उनके तबके के लोगों में बहुत कुछ बड़ा बदलाव नहीं दिखाई देता है. इस बात का तो गर्व हो सकता है समाज को कि उनके समाज का राष्ट्रपति बना है. ये गर्व है. ये खुशी है. लेकिन सवाल ये है क्या राष्ट्रपति बनने से उनके समाज का कुछ उत्थान हुआ है. राष्ट्रपति रिटायर हो रहे हैं. अच्छा है. अब अगली राष्ट्रपति बन रही हैं. इनका कार्यकाल भी देखेंगे. लेकिन बीजेपी किसी को बोलने नहीं देगी."
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इससे पहले वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर(Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की जम्मू कश्मीर में सहयोगी पार्टी पीडीपी(Peoples Democratic Party) अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी बतौर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल पर सवाल उठाए थे. महबूबा मुफ्ती ने उनपर बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे को पूरा करने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा, "पूर्व राष्ट्रपति ने अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ी है जहां भारतीय संविधान को कई बार कुचला गया है. चाहे वह अनुच्छेद 370(Article 370) को खत्म करना हो, (Citizenship Amedment Act 2019) हो या अल्पसंख्यकों और दलितों पर होने वाले लगातार हो रहे हमले हों. उन्होंने भारतीय संविधान को ताक पर रख कर बीजेपी के राजनीतिक एजेंडे(Poltical Agenda) को पूरा किया."
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महबूबा मुफ्ती के बयान के जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू(Kiren Rijuju) ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि जब कोई बहुत ही गलत तरीके से बयान देता है तो उसे तवज्जो नहीं देनी चाहिए क्योंकि किसी भी चीज की एक गरिमा होती है. वहीं बीजेपी म राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी(Sushil Kumar Modi) ने महबूबा मुफ्ती के बयान को आपत्तिजनक बताया. उन्होंने संसद परिसर में कहा, "एक पूर्व सीएम को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. राष्ट्रपति निष्पक्ष और निर्दलीय होकर काम करता है. वही बता दें कि क्या राष्ट्रपति बीजेपी कार्यालय गए या बीजेपी के किसी कार्यक्रम में गए. इस तरह का आरोप लगाना सही नहीं है. उनके रिटायरमेंट(Retirement) के बाद इतनी ओछी और छिछली बात कहना बहुत ही अपमानजनक है. ऐसे बयान से बड़े नेताओं को बचना चाहिए."