स्मृति ईरानी ने उखाड़ दी कांग्रेस की खानदानी जागीर, इसलिए हड़बड़ा गई सोनिया, बीजेपी का कटाक्ष

बीजेपी ने संसद में बहस के चलते अब गांधी परिवार को निशाना बनाया है।
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भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आज संसद में सोनिया गांधी की स्मृति ईरानी को लेकर नाराजगी का कारण बताते हुए कांग्रेस पर तंज कसा है। दरअसल सुधांशु त्रिवेदी न्यूज टीवी डिबेट शो में थे और कांग्रेस प्रवक्ता के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘सोनिया गांधी देश की ही बहू नहीं है उससे बड़ी बात है कि वो भारत के सबसे बड़े लोकतांत्रिक परिवार की बहू हैं, तो उनके लिए हर जगह अलग प्रोटोकॉल होना चाहिए एक अलग व्यवस्था होनी चाहिए और जो उनके मुंह से निकल गया कि ‘डोन्ट टॉक टू मी’ स्मृति ईरानी के लिए।’

दिल्ली - भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आज संसद में सोनिया गांधी की स्मृति ईरानी को लेकर नाराजगी का कारण बताते हुए कांग्रेस पर तंज कसा है। दरअसल सुधांशु त्रिवेदी न्यूज- टीवी डिबेट शो में थे और कांग्रेस प्रवक्ता के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘सोनिया गांधी देश की ही बहू नहीं है उससे बड़ी बात है कि वो भारत के सबसे बड़े लोकतांत्रिक परिवार की बहू हैं, तो उनके लिए हर जगह अलग प्रोटोकॉल होना चाहिए एक अलग व्यवस्था होनी चाहिए और जो उनके मुंह से निकल गया कि ‘डोन्ट टॉक टू मी’ स्मृति ईरानी के लिए।’

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा, ‘मैं सोनिया गांधी जी का वो दर्द समझ सकता हूं, वो एक 77 वर्ष की माता हैं जिनका एक 51 वर्ष का चिर युवा बेटा है जिसको उन्होंने राजनीति में स्थापित करने की कोशिश की लेकिन राजनीति तो छोड़िए राजपाट गया,पार्टी गई, खानदानी जागीर चली गई अमेठी की सीट और वो किसकी वजह से गई स्मृति ईरानी की वजह से तो उनके दिल की जो पीड़ा है मैं सझ सकता हूं।

’सुधांशु त्रिवेदी हमला जारी रखते हुए आगे कहा, ‘एक कहावत होती है, “प्राणनन ते सुत अधिक है, या सुत ते अधिक है प्राण” इसका मतलब है कि दुनिया में सबसे ज्यादा प्यारा क्या होता है प्राण या पुत्र, तो बेटे की जागीर चली गई, बेटे की सत्ता चली गई, पार्टी चली गई तो वो खीझ जो भरी होगी उसको स्वाभाविक रूप से समझा जा सकता है।

लेकिन जो अहंकार है वो अभी भी बरकरार है आज देश की सर्वोच्च पद पर जो वनवासी परिवार की सदस्य बैठी है उसके बारे में अपशब्द बोलने के बाद अहंकार के साथ कहना कि हम माफी नहीं मानेंगे।ये कांग्रेस का 75 सालों में तीसरा अपराध था। पहला था इंडिया इज इंदिरा कहना, पूरा देश एक नेता के बराबर तौल दिया गया आज तक माफी नहीं मांगी ये कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष देवकांत बरुआ का बयान था। ये देश की आजादी का 30वां साल था। दूसरा देश की आजादी के 60वें साल की बात ‘राम काल्पनिक थे’ ये दूसरा अपराध था और तीसरा जब एक वनवासी बेटी को राष्ट्र की पत्नी बोला और कहा माफी नहीं मांगेंगे।

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