दमदार नेताओं को मिलेगी सपा की जिम्मेदारी, पार्टी ऐसे करेगी पदाधिकारियों का चयन

वोटबैंक 30 फीसदी से ऊपर पहुंचने के लिए नया तरीका, निकाय चुनाव के प्रभारी से लेकर एमएलसी उम्मीदवार घोषित

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सपा
विधान सभा चुनाव में पार्टी का वोटबैंक 30 फीसदी से ऊपर पहुंचने से उत्साहित रणनीतिकार इसे सहेजे रखने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ये प्रभारी ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने के साथ ही क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले नेताओं को चिह्नित भी कर रहे हैं। 

लखनऊ- सदस्यता अभियान चलाने के लिए वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है। विधान सभा चुनाव में पार्टी का वोटबैंक 30 फीसदी से ऊपर पहुंचने से उत्साहित रणनीतिकार इसे सहेजे रखने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। पार्टी उत्पीड़न की घटनाओं पर सरकार को जोरदार तरीके  से घेरने की रणनीति के साथ ही अक्तूबर में होने वाले सम्मेलन में इसी आधार पर विभिन्न इकाइयों के नए प्रदेश अध्यक्षों के साथ अन्य पदाधिकारियों का चयन होगा। सदस्यता अभियान चलाने के लिए वरिष्ठ नेताओं को प्रभारी के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है। क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले नेताओं को चिह्नित भी कर रहे हैं। 

ये प्रभारी ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने के साथ ही


पार्टी का हर कार्यकर्ता और नेता क्षेत्र में डटा है। संगठन में इन्हें अहम जिम्मेदारी मिलना तय है। पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि भाजपा सरकार हर स्तर पर समाजवादियों को कुचलने की साजिश रच रही है, लेकिन कार्यकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं।  प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का कहना है कि सदस्यता अभियान में सक्रिय भूमिका निभाने वालों को पार्टी भी तवज्जो देगी। 

ये प्रभारी ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने के साथ ही


इसी रणनीति का नतीजा है कि पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आजमगढ़ जेल पहुंच कर पूर्व सांसद रमाकांत यादव से मिले तो आजम खां के मामले को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने डीजीपी से मुलाकात की। पार्टी ने तय किया है कि कहीं भी उत्पीड़न की घटना सामने आती है तो पार्टी का प्रतिनिधिमंडल मौके पर जांच कर रिपोर्ट तैयार करेगा। इस रिपोर्ट के आधार पर संबंधित जिले के साथ ही आसपास के जिले के नेता भाजपा पर हमला बोलेंगे। 

विधान सभा चुनाव में पार्टी का वोटबैंक 30 फीसदी से ऊपर पहुंचने से उत्साहित रणनीतिकार इसे सहेजे रखने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। भाजपा सरकार को घेरने में सक्रिय रहने वाले नेताओं पर शीर्ष नेतृत्व नजर भी रख रहा है। सदस्यता अभियान में दमदारी दिखाने वाले नेताओं पर भी निगाह रख रही है। निरंतर सक्रिय रहने वाले नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलेगी। सपा ने हर स्तर पर सक्रियता बढ़ा दी है।

ये प्रभारी ज्यादा से ज्यादा सदस्य बनाने के साथ ही

विधान सभा सत्र शुरू होने पर संबंधित रिपोर्ट के आधार पर मामलों को सदन में रखा जाएगा। इसी तरह पार्टी का प्रतिनिधिमंडल संत कबीरनगर सहित अन्य जिलों में जा चुका है।पार्टी के पैनल में युवा चेहरों के साथ अनुभवी नेताओं को तवज्जो दी है। इस सूची में भी जातीय गणित का विशेष ध्यान रखा गया है।सपा ने निकाय चुनाव के लिए दो से तीन विधायकों को अलग-अलग क्षेत्रों का प्रभारी बनाकर भेजा है। साथ ही शिक्षक व स्नातक खंड के लिए उम्मीदवारों की भी घोषणा कर दी है। 

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