‘यूपी में चल रहा ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा’, मायावती का योगी सरकार पर हमला

मायावती ने कहा, ‘‘यूपी सरकार में कमजोर कानून-व्यवस्था के बीच ट्रांसफर-पोस्टिंग नया धंधा बन कर उभरा है.
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मायावती
मायावती ने कहा कि, ‘‘राजनीति से ऊपर उठकर देश की 130करोड़ जनता के सामने जीने-मरने जैसे हालात हैं. महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी आज सबसे बड़ी समस्या है. खाने-पीने और जरूरत की चीजों के बढ़ते दाम इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं."

लखनऊ – उत्तर प्रदेश के लखनऊ में मायावती ने रविवार को बैठक कर योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. बसपा ऑफिस में बैठक के दौरान मायावती ने कहा, ‘‘यूपी सरकार में कमजोर कानून-व्यवस्था के बीच ट्रांसफर-पोस्टिंग नया धंधा बन कर उभरा है. इसका खुलासा खुद सरकार को ही करना पड़ रहा है. ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है.’’

बसपा प्रमुख मायावती ने आगे कहा कि, ‘‘राजनीति से ऊपर उठकर देश की 130 करोड़ जनता के सामने जीने-मरने जैसे हालात हैं. महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी आज सबसे बड़ी समस्या है. खाने-पीने और जरूरत की चीजों के बढ़ते दाम इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं."

मायावती ने कहा, "रुपए का भाव गिर कर मनोबल तोड़ रहा है. केंद्र को आर्थिक नीति पर फिर से विचार करना चाहिए. देश की राजनीति में विभिन्न राज्यों में सत्ता पटल के लिए धनबल का गंदा खेल चल रहा है." मायावती ने गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव में मिशनरी सोच वालों पर भरोसा करने की नसीहत दी.

उन्होंने कहा, "यूपी की बीजेपी सरकार में जातिवाद, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार और नेताओं के आपसी घमासान से जनहित और विकास न जाने कब तक और कितना लंबा प्रभावित होता रहेगा. इनके विकास के दावे का यह हाल है कि नया बहुचर्चित बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे चार दिन में ही धंस जाना खास चर्चा में है."

उन्होंने कहा, ‘‘दलितों-पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यक लोगों की उपेक्षा और शोषण किया गया. उपेक्षित किए जा रहे सभी लोगों का एकमात्र सहारा बसपा ही है. इसलिए अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलना होगा. हर राज्य के स्टेट कोऑर्डिनेटर अपने राज्य में बैठक कर संगठन को बढ़ाएं और आगामी चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं.’’

वहीं मायावती के बयान पर यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, "मायावती के शासनकाल में तबादले का उद्योग चलता था. भाजपा सरकार में तबादलों के लिए साफ नीति है. जहां नियम का उल्लंघन हुआ, वहां कार्रवाई की गई है. सपा-बसपा शासनकाल में जाति और पैसों के आधार पर ट्रांसफर पोस्टिंग होती थी."

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