वरुण गांधी का सरकार पर फ़िर वार,दूध, आटा, दाल पर GST लागू, शराब, पेट्रोल और डीजल पर नहीं

भाजपा नेता और यूपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी अपनी ही पार्टी के खिलाफ विरोधी दल के नेता की तरह लगातार आवाज उठा रहे हैं।
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Varun gandhi
भाजपा नेता और यूपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी अपनी ही पार्टी के खिलाफ विरोधी दल के नेता की तरह लगातार आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट करके दूध, आटा, दाल जैसी खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने और महंगाई को लेकर जोरदार हमला बोला है। कहा सरकार जनहित वाले कदम उठाए जनता की कमर तोड़ने वाले कदम नहीं। इससे जनता परेशान है।

दिल्ली. भाजपा नेता और यूपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी अपनी ही पार्टी के खिलाफ विरोधी दल के नेता की तरह लगातार आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने ट्वीट करके दूध, आटा, दाल जैसी खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने और महंगाई को लेकर जोरदार हमला बोला है। कहा सरकार जनहित वाले कदम उठाए जनता की कमर तोड़ने वाले कदम नहीं। इससे जनता परेशान है।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “दूध, आटा, दाल, चावल आदि जैसी वस्तुओं पर GST लागू हो चुका है। शराब, पेट्रोल और डीजल आदि पर नहीं..! अगर इस टैक्स प्रणाली का सारा बोझ आम जनता ही वहन करेगी तो इसे लाने का मूल उद्देश्य ही पीछे छूट जाएगा। केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर GST का एक जनहितकारी प्रारूप तैयार करना होगा।”

हालांकि वित्त मंत्री ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए स्‍पष्‍ट किया कि दाल, गेहूं, राई, जई, मक्का, चावल, आटा, सूजी, रवा, बेसन, फूला हुआ चावल, दही / लस्सी जब खुले में और बिना प्री-पैक या प्री-लेबल बेचे जाते हैं, तो कोई जीएसटी लागू नहीं होगा। यानी कि अगर अगर आप खुले में सामान खरीदते हैं तो आपको टैक्‍स नहीं देना होगा। निर्मला सीतारमण ने कुल 14 ट्वीट करके जीएसटी को लेकर पैदा हुए कंफ्यूजन को दूर करने का प्रयास किया है।

इससे पहले 18 जुलाई को उन्होंने ट्वीट किया था, “आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर GST लागू है। रिकार्डतोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा। जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं।”


वरुण गांधी के तेवर और शब्द बिल्कुल विपक्ष की तरह हैं और वे विपक्षी नेता की तरह सरकार को ललकारते हैं। दूध, आटा, दाल जैसी खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष धरना-प्रदर्शन कर रहा है। इसकी वजह से मानसून सत्र में संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है।

इस बीच वरुण गांधी का तेवर ने सरकार के लिए मुश्किलें खड़ा कर रहा है। भाजपा सरकार को परेशानी में डालने वाला वरुण गांधी का यह तेवर पहली बार नहीं आया है, वह हर मुद्दे पर अपनी राय लगातार देते रहते हैं। इससे पहले सेना की अग्निपथ योजना पर भी वह सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर चुके हैं।हाल ही में उन्होंने सेना भर्ती में जाति और धर्म की जानकारी मांगे जाने पर भी सवाल उठाया था। सेना में किसी भी तरह का कोई आरक्षण नहीं है पर अग्निपथ की भर्तियों में जाति प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। क्या अब हम जाति देख कर किसी की राष्ट्रभक्ति तय करेंगे? सेना की स्थापित परंपराओं को बदलने से हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर जो प्रभाव पड़ेगा उसके बारे में सरकार को सोचना चाहिए। 

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