‘हम भगत सिंह की औलाद, जेल से नहीं डरते’, CBI जांच के आदेश पर मोदी सरकार पर बरसे केजरीवाल

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई को इसकी जांच की सिफारिश सौंप दी है.
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अरविंद केजरीवाल
सीएम केजरीवाल ने कहा कि एलजी ने केंद्र सरकार के इशारे पर सीबीआई जांच की सिफारिश की है. उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया ईमानदार आदमी हैं और अब केंद्र सरकार उनको फंसाने की योजना बना रही है.

नई दिल्ली - सीएम अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल के बीच एक्साइज पॉलिसी को लेकर बड़ा विवाद पैदा हो गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई (CBI) को इसकी जांच की सिफारिश सौंप दी है. वहीं इस मुद्दे पर आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर निशाना साधा है.

इस जांच में आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) पर भी कई सवाल खड़े किये गये हैं. सीएम केजरीवाल ने कहा कि एलजी ने केंद्र सरकार के इशारे पर सीबीआई जांच की सिफारिश की है. उन्होंने कहा कि हम जेल जाने से नहीं डरते. हम भगत सिंह की औलाद हैं. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, "मैंने आपको पहले ही बताया था कि मनीष को गिरफ्तार करने वाले हैं.

सीएम केजरीवाल ने कहा, ”केंद्र सरकार जानबूझकर दिल्ली सरकार के कामों में टांग अड़ा रही है. केंद्र की मोदी सरकार आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता से घबराई हुई है. इन्होंने पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को ईडी का गलत इस्तेमाल कर जेल भेजा और अब यह राज्य के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.

केजरीवाल ने आगे कहा, ”दिल्ली के लोगों को यकीन दिलाता हूं कि भले ही यह कितना भी परेशान करें जेल में रखें, लेकिन काम नहीं रुकेंगे. 75 साल में इन पार्टियों ने मिलकर देश को बर्बाद कर दिया. इन 75 सालों में कितने देश हम से आगे निकल गए. अब दिल्ली से जो चिंगारी निकली है, यह पूरे देश में फैलेगी और इसे कोई नहीं रोक सकता, क्योंकि अब समय आ गया है.

CM ने आगे कहा,पूरा केस झूठा है. मैं मनीष सिसोदिया को 22 साल से जानता हूं. कट्टर इमानदार, कट्टर देशभक्त आदमी हैं. सुबह 6 बजे मनीष सिसोदिया अपने घर से निकल जाते हैं और अलग-अलग सरकारी स्कूलों का दौरा करते हैं. कौन भ्रष्टाचारी दुनिया के अंदर ऐसा है जो सुबह 6 बजे उठकर स्कूलों के दौरे पर निकलता है.

अरविंद केजरीवाल ने अपने मंत्री सत्येन्द्र जैन की ईडी के द्वारा की गिरफ्तारी का भी जिक्र करते हुये कहा कि यह लोग आम आदमी पार्टी के पीछे हाथ धोकर क्यों पड़े हैं, यह सोचने की बात है. पहले सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया और अब मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार करने जा रहे हैं. ये आम आदमी पार्टी के पीछे ही क्यों पड़े हैं? आम आदमी पार्टी वाले कट्टर ईमानदार हैं.

अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी को सावरकर से जोड़ते हुये कहा कि, "तुम लोग सावरकर की औलाद हो जिसने अंग्रेजों से माफी मांगी थी. हम भगत सिंह की औलाद हैं. भगत सिंह को अपना आदर्श मानते हैं जिसने अंग्रेजों के सामने झुकने से मना कर दिया और फांसी पर लटक गया. हमें जेल और फांसी के फंदे से डर नहीं लगता. हम कई बार जेल होकर आ गए हैं."

क्या है पूरा मामला

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति पर सवाल खड़े करते हुए सीबीआई को इसकी जांच की सिफारिश सौंप दी है. दिल्ली के उपराज्यपाल के दफ्तर से मिली जानकरी के मुताबिक दरअसल उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने चीफ सेक्रेटरी की एक रिपोर्ट के जवाब में ये सिफारिश की है.

दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने 8 जुलाई, 2022 को यह रिपोर्ट एलजी को सौंपी थी जिसमें कहा गया कि नई आबकारी नीति के तहत शराब लाइसेंसधारियों को पोस्ट टेंडर गलत लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझकर GNCTD एक्ट 1991, व्यापार नियमों का लेनदेन (TOBR) 1993, दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और दिल्ली एक्साइज रूल्स 2010 का उल्लंघन किया गया.

इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि मुख्य रूप से टॉप लेवल के पॉलिटिकल द्वारा फाइनेंसियल क्विड प्रो क्वो का संकेत है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में सीधे आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया को भी सवालों के घेरे में रखते हुये कहा गया है कि इसे आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने ही फाइनल किया.

रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि निविदाएं दिए जाने के बाद भी शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित वित्तीय सहायता दी गई, इससे राजकोष को भारी नुकसान हुआ. चीफ सेक्रेटरी की इस रिपोर्ट को उपाज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों को भेजा गया है. इस मामले के सामने आने के बाद से आम आदमी पार्टी और दिल्ली की केजरीवाल सरकार उपराज्यपाल और केन्द्र सरकार पर हमलावर हो गयी.

बीजेपी ने उठाए थे सवाल

उपराज्यपाल द्वारा सीबीआई को इस मामले में जांच की सिफारिश करने के पीछे की एक वजह नई आबकारी नीति को लेकर बीजेपी द्वारा उठाये जा रहे सवालों को भी माना जा रहा है. दरअसल नई आबकारी नीति लागू होने के बाद बीजेपी ने कहा था कि इससे दिल्ली में शराब की दुकानें बढ़ेंगी. इस नीति में पैसे तय करने से लेकर ब्रांड तय करने के अधिकार ठेकदारों के पास होंगे.

बीजेपी ने कहा था कि अगर जगह-जगह ठेके खुलेंगे तो इससे घरों में परेशानी बढ़ेगी. बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया था कि रेवेन्यू के नाम पर दिल्ली को शराब के नशे में डुबोने की कोशिश कर रही है. बता दें कि दिल्ली में पहले 250 प्राइवेट शराब की दुकानें थी जो नई आबकारी नीति के बाद बढ़कर 850 हो गई.

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