‘टैक्स का पैसा कहां है, क्या सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है?’केजरीवाल का पीएम पर निशाना
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नई दिल्ली – दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. केजरीवाल ने कहा कि पिछले काफी समय से मुफ्त में दी जाने वाली चीजों का जबरदस्त विरोध हो रहा है. जिससे ये शक पैदा हो रहा है कि कहीं केंद्र सरकार की हालत खराब तो नहीं है, क्योंकि पिछले सत्तर सालों से जनता को कई सुविधाएं फ्री में दी जा रही हैं.
केजरीवाल ने कहा, कहा जा रहा है कि अगर सरकारें फ्री में सुविधाएं देंगी तो कंगाल हो जाएंगी. इससे देश को नुकसान होगा. पहले आठवां वेतन आयोग बनने वाला था, लेकिन अब कह रहे हैं कि अब हम आठवां वेतन नहीं बनाएंगे, क्योंकि हमारे पास पैसा नहीं है. सीएम ने कहा कि, केंद्र ने बार-बार दोहराया है कि उनके पास पैसा नहीं है.
सीएम ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार अग्निपथ योजना लाई. इसके पीछे तर्क दिया कि पेंशन का बोझ खत्म होगा. यह देश के इतिहास में पहली बार है कि केंद्र ने उनकी अग्निपथ योजना को सही ठहराते हुए कहा कि वे ऐसा कर रहे हैं इसलिए उन्हें अब रक्षा कर्मियों को पेंशन का भुगतान नहीं करना पड़ेगा. आखिर ऐसा क्या हो गया कि केंद्र सरकार सैनिकों की पेंशन देने में असमर्थ है.
केजरीवाल ने कहा कि, टैक्स कलेक्शन 2014 की तुलना में बहुत अधिक हुआ है, लेकिन केंद्र के पास पैसा नहीं है. पैसा कहां जा रहा है?" जबकि केंद्र सरकार ने राज्यों को दिया पैसा भी कम कर दिया है. केंद्र सरकार जितना भी टैक्स एकत्र करती है, उसमें से एक हिस्सा राज्य सरकारों को देती है. अब इसमें भी कटौती कर दी गई है.
दिल्ली के सीएम ने कहा कि, पिछले 75 वर्षों में कभी भी सरकार ने बुनियादी खाद्यान्न पर टैक्स नहीं लगाया. ऐसा क्रूर कदम किसी भी सरकार ने नहीं उठाया. सीएम ने कहा कि ऐसी क्या वजह है कि गरीब के खाने पर भी टैक्स लगाना पड़ गया. अब जनता को मिलने वाली सभी फ्री सुविधाएं बंद करने के लिए कह रहे हैं.
केजरीवाल ने कहा कि, वे अब कह रहे हैं कि सरकार की सभी मुफ्त चीजें खत्म होनी चाहिए, सरकारी स्कूलों, अस्पतालों में फीस ली जानी चाहिए. सरकारी स्कूलों में बच्चों को फीस देनी पड़ गई तो बच्चों को कोई नहीं पढ़ा पाएगा. आधे से ज्यादा बच्चे अनपढ़ रह जाएंगे. कई राज्य सरकारों ने सरकारी स्कूलों ने फीस लेनी शुरू भी कर दी है.
सीएम ने कहा कि इतना ही नहीं केंद्र की सरकारी अस्पतालों में भी फीस लेने की तैयारी है. जिसके पास पैसे नहीं हैं उनका क्या होगा. ऐसे तो लोग मर जाएंगे. आजादी के बाद से लेकर अब तक किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया. सरकार ने अपने साथियों के सरकारी पैसे से 10 लाख करोड़ के कर्जे माफ किए हैं. अगर ये कर्जे माफ नहीं किए जाते तो आज ये दिन न देखना पड़ता.