राहुल गांधी ने अशोक गहलोत को किया इशारा, छोड़ना होगा मुख्यमंत्री का पद!

हमारे पास उत्तर प्रदेश को लेकर एक स्पष्ट सोच है
 | 
SZX
भारत जोड़ो यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि यह यात्रा बेरोजगारी के खिलाफ जंग है. उन्होंने कहा कि यह देश को एक रखने की यात्रा है. ये एक ऐतिहासिक पद है और ये पद भारत के बारे में एक खास विचार रखता है.

तिरुवनंतपुरम - राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय है. इसको लेकर आज, 22 सितंबर को पार्टी आलाकमान ने भी अपनी राय साफ जाहिर कर दी है. कांग्रेस की महत्वकांक्षी यात्रा भारत जोड़ो यात्रा कर रहे राहुल गांधी ने केरल के एर्नाकुलम जिले में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उदयपुर में जो वादा किया गया था उसे निभाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पद सिर्फ एक संगठन का पद नहीं है बल्कि ये एक विचारधारा का पद है.

भारत जोड़ो यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि यह यात्रा बेरोजगारी के खिलाफ जंग है. उन्होंने कहा कि यह देश को एक रखने की यात्रा है. कांग्रेस अध्यक्ष पर पर पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि ये एक ऐतिहासिक पद है और ये पद भारत के बारे में एक खास विचार रखता है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष का पद मात्र एक संगठन का पद नहीं है. यह एक विचारधारा का पद है. यह एक विश्वास का पद है."
 
उन्होंने ये भी कहा कि यह अच्छी बात है कि आजकल सभी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से जुड़ा सवाल पूछ रहे हैं कि कि कौन-कौन चुनाव लड़ेंगे. लेकिन यही सवाल कभी किसी दूसरे दल के लिए नहीं पूछा जाता है. न बीजेपी,न एसपी,न बीएसपी कभी किसी दल के लिए नहीं. यह मेरे लिए गर्व की बात है.

राहुल गांधी ने कहा कि मैं कैंडिडेट हूं या नहीं वो इस यात्रा से भटकाव है और मैं इससे भटकने वाला नहीं हूं. जब उनसे पूछा गया कि इस यात्रा में उत्तर प्रदेश को क्यों नहीं शामिल किया गया? उन्होंने कहा यह यात्रा एक जगह से दूसरी जगह जाने की यात्रा है. 

अभी हम यूपी नहीं जा रहे हैं, हम गुजरात, बिहार, बंगाल भी नहीं जा रहे हैं. हम 10 हजार किलोमीटर पैदल नहीं चल सकते. हालांकि राहुल गांधी ने स्पष्ट किया कि हमारे पास उत्तर प्रदेश को लेकर एक स्पष्ट सोच है.

यह पूछने पर कि PFI के दफ्तरों और लोगों पर छापे मारे जा रहे हैं तो राहुल गांधी ने कहा कि किसी भी तरह कि सांप्रदायिकता और हिंसा, भले फिर वो कहीं से भी ज्यादा हो रही है वे सब एक जैसी हैं. उनके खिलाफ लड़ने की जरूरत है और इसमें जीरो टॉलरेंस होना चाहिए.

बहरहाल राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से ये साफ हो गया है कि अगर अशोक गहलोत कांग्रेस के अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा. ऐसे में ये भी देखने वाली बात होगी कि अशोक गहलोत जाते जाते किसे मुख्यमंत्री की कुर्सी सोपेंगे.

अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सियासी खींचतान किसी से छुपी नहीं है. लेकिन इन सबके बीच ये बहुत अहम होगा कि करीब 24 साल के बाद गैर गांधी परिवार नेता कांग्रेस अध्यक्ष के पद को संभालेगा. इससे पहले साल 1998 में आखिरी गैर गांधी परिवार से अध्यक्ष सीताराम केसरी थे. आजादी के बाद के कांग्रेस के अध्यक्ष इस प्रकार हैं.


1948- 1949: पट्टाभि सीतारमैया
1950- पुरुषोत्तम दास टंडन
1951-1954: जवाहरलाल नेहरू
1955-1959- यूएन ढेबर
1959- इंदिरा गांधी
1960-1963 नीलम संजीव रेड्डी
1964-1965 के कामराज
1968-69 एस निजलिंगप्पा
1970-71- जगजीवन राम
1972-74- शंकर दयाल शर्मा
1975-77- देवकांत बरुआ
1978-83- इंदिरा गांधी
1985-91- राजीव गांधी
1992-94- पीवी नरसिम्हा राव
1996-98- सीताराम केसरी
1998-2017- सोनिया गांधी
2017-2019- राहुल गांधी
2019- सोनिया गांधी (अंतरिम अध्यक्ष

Latest News

Featured

Around The Web