बर्मिंघम राष्ट्रमंडल में पहलवानों ने बरसाया सोना!

बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, साक्षी मलिक ने स्वर्ण पदक जीते। अंशु मलिक भी फाइनल में पहुंची, लेकिन वह नाइजीरियाई चुनौती तोड़ नहीं पाईं।
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गोल्ड
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का 8वां दिन भारत के लिए शानदार रहा। इस दिन भारत ने 3 स्वर्ण पदक, एक रजत पदक और दो कांस्य पदक जीते। सभी 6 पदक भारतीय पहलवानों ने जीते। भारत अब 2022 राष्ट्रमंडल खेलों की पदक तालिका में पांचवें नंबर पर पहुंच गया। उसके कुल 26 पदक (नौ स्वर्ण पदक, 8 रजत पदक और 9 कांस्य पदक) हो गए हैं।

दिल्ली. आठवें दिन भारत के 6 पहलवान (बजंरग पूनिया, दीपक पूनिया, मोहित ग्रेवाल, साक्षी मलिक, अंशु मलिक और दिव्या काकरन) मैट पर उतरे। इनमें से बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, साक्षी मलिक ने स्वर्ण पदक जीते। अंशु मलिक भी फाइनल में पहुंची, लेकिन वह नाइजीरियाई चुनौती तोड़ नहीं पाईं। India

दीपक पूनिया ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को यादगार स्वर्ण पदक दिलाया। दीपक ने फ्रीस्टाइल 86 किग्रा फाइनल में पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम को हराया। दीपक के गोल्ड से भारत पदक तालिका के शीर्ष-5 में पहुंच गया।

दीपक से पहले बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में भारत को पहला पहला गोल्ड मेडल दिलाया। उन्होंने फाइनल में कनाडाई रेसलर को पटखनी दी। बजरंग ने 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था।

साक्षी मलिक ने कुश्ती में भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाया। खास यह है कि साक्षी ने 4 अंक से पिछड़ने के बाद गोल्ड मेडल जीता है। साक्षी ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार गोल्ड मेडल जीता। हालांकि, पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में उतरीं अंशु मलिक फाइनल में नाइजीरिया की पहलवान से हार गईं और रजत पदक से संतोष सामना करना पड़ा।


भारत की दिव्या काकरन और मोहित ग्रेवाल ने कांस्य पदक जीते। सेमीफाइनल में हारने वाले मोहित ग्रेवाल ने कांस्य पदक मुकाबले में जमैका के पहलवान को चारों खानों चित कर दिया। इससे पहले दीपक पूनिया का मुकाबला खत्म होने के बाद राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजकों के लिए एक शर्मसार होने वाली घटना हुई। एक स्पीकर छत से गिर गया। इस कारण करीब 2 घंटे 10 मिनट तक मुकाबले रुके रहे।दिव्या काकरन ने क्वार्टर फाइनल में मिली हार को भुलाते हुए बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीत लिया। उन्होंने कुश्ती में महिलाओं के फ्रीस्टाइल 68 किग्रा भार वर्ग में टोंगा की लिली कॉकर को हराया। उन्होंने यह मैच सिर्फ 30 सेकंड में अपने नाम कर लिया। दिव्या ने 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में भी कांस्य पदक जीता था। दिव्या ने 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

दीपक पूनिया ने कुश्ती में पुरुषों के 86 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का यह 9वां गोल्ड मेडल है। भारतीय पहलवान ने फाइनल में पाकिस्तान के अनुभवी मोहम्मद इनाम को 3-0 से हराया। राष्ट्रमंडल खेल 2022 में कुश्ती में भारत का यह तीसरा गोल्ड मेडल है। उनसे पहले बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने स्वर्ण पदक जीते।साक्षी मलिक ने राष्ट्रमंडल खेलों में पहली बार स्वर्ण पदक जीता। साक्षी ने फ्रीस्टाइल 62 किग्रा वर्ग के फाइनल में कनाडा की एन्ना गोडिनेज गोंजालेज को हराया। साक्षी पहले राउंड के बाद 0-4 से पिछड़ रही थीं। दूसरे राउंड में उन्होंने विपक्षी खिलाड़ी को चित्त कर चार अंक हासिल किए। उसके बाद पिनबॉल से जीत हासिल की। साक्षी ने इससे पहले 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत और 2018 में कांस्य पदक जीता था।

भारत का बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कुश्ती में यह पहला और कुल सातवां स्वर्ण पदक है। बजरंग पूनिया ने इससे पहले 2018 गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था। उन्होंने 2014 राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था। कुश्ती में इस बार भारत का यह दूसरा पदक है। बजरंग से पहले अंशु मलिक ने रजत पदक हासिल किया।


बजरंग पूनिया ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत को कुश्ती का पहला गोल्ड मेडल दिलाया। उन्होंने पुरुषों के 65 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में कनाडा के लछलन मैकनील को 9-7 से हराया। यह भारत का 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में छठा गोल्ड मेडल है।


महिलाओं के 57 किग्रा भार वर्ग में अंशु मलिक को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। अंशु मलिक फाइनल में नाइजीरिया की ओडुनायो अदेकुओरोये के खिलाफ 4-7 से हार का सामना करना पड़ा। ओडुनायो अदेकुओरोये का राष्ट्रमंडल खेलों में यह तीसरा गोल्ड मेडल है। वहीं, अंशु मलिक ने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में शिरकत की है।

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