तीरंदाजी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पर पहुंची दीपिका कुमारी, देश के लिए गौरव की बात

दीपिका कुमारी तीरंदाजी में बनी अंतरराष्ट्रीय स्तर की शीर्ष खिलाड़ी
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दीपया कुमारी
दीपिका का जन्म 13 जून 1994 में झारखंड की राजधानी रांची के रातू में हुआ। उनके पिता शिवनारायण महतो आटो चालक हैं और मां गीता महतो रांची मेडिकल कालेज में नर्स हैं। बचपन से ही दीपिका अपने लक्ष्य पर केंद्रित रही हैं। वर्तमान में दीपिका टाटा स्टील में खेल विभाग में प्रबंधक हैं।

दिल्ली - दीपिका कुमारी महतो भारतीय महिला तीरंदाज हैं। बिल्कुल निचले पायदान से निशानेबाजी के खेल में शुरुआत करने वाली दीपिका आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की शीर्ष खिलाड़ियों में से एक हैं। वे वर्ष 2012 से अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में हैं। विश्वस्तरीय प्रतिस्पर्धाओं में 10 स्वर्ण समेत वे 37 से ज्यादा मेडल जीत चुकी हैं। हाल में उन्होंने तीरंदाजी विश्वकप प्रतियोगिता में तीन स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

दीपिका का जन्म 13 जून 1994 में झारखंड की राजधानी रांची के रातू में हुआ। उनके पिता शिवनारायण महतो आटो चालक हैं और मां गीता महतो रांची मेडिकल कालेज में नर्स हैं। बचपन से ही दीपिका अपने लक्ष्य पर केंद्रित रही हैं। वर्तमान में दीपिका टाटा स्टील में खेल विभाग में प्रबंधक हैं। दीपिका को तीरंदाजी में पहला मौका 2005 में मिला, जब उन्होंने पहली बार अर्जुन आर्चरी अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। यह अकादमी झारखंड के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा ने खरसावां में शुरू की थी।

तीरंदाजी में उनके पेशेवर करियर की शुरुआत 2006 में हुई, जब उन्होंने टाटा तीरंदाजी अकादमी में दाखिला लिया। दीपिका ने वर्ष 2006 में मैरीदा मेक्सिको में आयोजित विश्व स्पर्धा में कंपाउंड एकल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया। ऐसा करने वाली वे दूसरी भारतीय थीं। यहां से शुरू हुए सफर ने उन्हें विश्व की नंबर वन तीरंदाज का तमगा हासिल कराया। सबसे पहले वर्ष 2009 में महज 15 वर्ष की उम्र में दीपिका ने अमेरिका में हुई 11वीं यूथ आर्चरी चैंपियनशिप जीत कर विश्व स्तर पर अपनी मौजूदगी जाहिर की थी। फिर वर्ष 2010 में एशियाई खेलों में कांसा जीता।

इसके बाद इसी वर्ष कामनवेल्थ खेलों में महिला एकल और टीम के साथ दो स्वर्ण हासिल किए। राष्ट्रमंडल खेल 2010 में उन्होंने न सिर्फ व्यक्तिगत स्पर्धा के स्वर्ण जीते, बल्कि महिला रिकर्व टीम को भी स्वर्ण दिलाया। इस्तांबुल में 2011 में और तोकियो में 2012 में एकल खेलों में रजत पदक जीता। इस तरह एक-एक करके वे जीत पर जीत हासिल करती गईं। इसके लिए उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया गया।

2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दीपिका को पद्म श्री से सम्मानित किया। वे 2012 से 2021 के बीच 37 पदक जीत चुकी हैं। इनमें विश्व कप में 10 स्वर्ण, 13 रजत और पांच कांस्य हैं। एशियाई खेलों में एक कांस्य, राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण, एशियाई स्पर्धा में एक स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य, विश्व स्पर्धाओं में दो रजत वे जीत चुकी हैं। 

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