भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ हुई बेईमानी! जानें पूरा मामला

सेमीफाइनल मैच में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के साथ बेईमानी का शिकार हुई
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महिला हॉकी
कॉमनवेल्थ में शुक्रवार (5 अगस्त) को भारतीय महिला हॉकी टीम का सेमीफाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से था. इस मुकाबले में शुरुआती तीन क्वार्टर तक ऑस्ट्रेलिया 1-0 से हावी था, लेकिन चौथे क्वार्टर में भारत ने गोल दागकर मैच बराबर कर दिया.एकमात्र गोल वंदना कटारिया ने 49वें मिनट में दागा था. इसके बाद मैच फुल टाइम खत्म होने के बाद ड्रॉ पर खत्म हो गया. इस कारण मैच को पेनल्टी शूटआउट में पहुंचा. ऑस्ट्रेलिया के पहले पेनल्टी शूटआउट में भारतीय कप्तान और गोलकीपर सविता पूनिया ने फुर्ती दिखाते हुए गोल बचा लिया था. मगर यहां रेफरी ने बताया कि टाइमर चालू ही नहीं था. यही वजह रही कि ऑस्ट्रेलिया को यही पेनल्टी दोबारा लेनी पड़ी. जब दोबारा पेनल्टी मिली तो ऑस्ट्रेलिया ने कोई गलती नहीं की औऱ गोल दाग दिया.अब यहां टीम इंडिया की कोई गलती नहीं थी, मगर रेफरी की गलती की सजा इन्हें ही भुगतनी पड़ी

दिल्ली. बर्मिंघम में जारी कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में शुक्रवार भारतीय महिला हॉकी टीम को सेमीफाइनल में धोखेबाजी का शिकार होकर ऑस्ट्रेलिया से हार का सामना करना पड़ा। सविता पूनिया की अगुवाई वाली टीम ने पूरे मैट में शानदार प्रदर्शन किया। तीन क्वर्टर तक 1-0 से पिछड़ने के बाद अखिरी क्वार्टर में टीम इंडिया ने वापसी की। वंदना कटारिया ने 49वें मिनट में गोल दागा और स्कोर 1-1 से बराबर हो गया। फुल टाइम तक स्कोर 1-1 से बराबर रहा और मैच पेनाल्टी शूटआउट में पहुंचा। भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन पेनाल्टी शूटआउट में उनके साथ बेईमानी हुई और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दरअसल, गोलकीपर सविता पूनिया ने पहले शूट को बचा लिया था, लेकिन टाइमर चालू होने के कारण उनके मेहनत पर पानी फिर गया। ऑस्ट्रेलिया को दोबारा शूट करने का मौका मिला। इस बार गोल हो गया।

कंगारू टीम को इस मैच से पहले पूरे खेलों में ऐसी टक्कर नहीं मिली। इस मुकाबले से पहले उसके खिलाफ एक भी गोल नहीं हुआ था। भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन पेनाल्टी शूटआउट में उनके साथ बेईमानी हुई और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।इसके बाद टीम इंडिया वापसी नहीं कर पाई और पेनाल्टी शूटआउट में उसे 3-0 से हार का सामना करना पड़ा। टाइमर चालू न होने की घटना से कमेंटेटर भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे टूर्नामेंट में क्या ऐसी गलती हो सकती है। इस घटना से भारतीय फैंस भी नाराज हैं। वह अंतरराष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन (FIH) पर बेईमानी का आरोप लगा रहे हैं। ट्वीटर पर चीटिंग भी ट्रेंड हुआ।


हॉकी में पहले मैच ड्रॉ होने पर पेनाल्टी स्ट्रोक का मौका मिलता था। अब नए नियम के अनुसार शूटऑउट के दौरान दोनों टीमों को पांच-पांच मौके मिलते हैं। इस दौरान खिलाड़ी को 26 मीटर की दूरी से गेंद को 8 सेकेंड ड्रिबल करते हुए गोल दागना होता है। इस दौरान दो ऑफिशियल मौजूद होते हैं। उनमें से एक के पास स्टॉपवॉच होता है। टाइमर चालू होने पर दूसरा ऑफिशियल हाथ नीचे गिराकर रेफरी को शूटआउट शुरू करने का इशारा करता है। तब रेफरी खिलाड़ी को आगे बढ़ने को कहता है।अब भारत-ऑस्ट्रेलिया सेमीफाइनल में रेफरी ने ऑफिशियल को बिना देखे ही शूटआउट चालू करा दिया। ऑफिशियल ने हाथ गिराया ही नहीं था। शूटआउट शुरू होते ही ऑफिशियल ने रेफरी को रोकने का इशारा भी किया, लेकिन तबतक ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी गेंद को लेकर आगे बढ़ गई थी। बाद में जब रेफरी को पता चला तो उन्होंने रिटेक लिया।

विवादित पेनल्टी शूटआउट में भारत के लिए नेहा गोयल, नवनीत कौर और लालरेम्सियामी गोल नहीं कर सकीं, जबकि आस्ट्रेलिया के लिये एम्ब्रोसिया मालोन, एमी लॉटन और कैटलीन नोब्स के शॉट निशाने पर लगे। कांस्य पदक के मुकाबले में भारत का सामना न्यूजीलैंड से होगा। बता दें की टोक्यो ओलंपिक में रानी रामपाल की अगुवाई में भारतीय टीम चौथे स्थान पर रही थी।

वीडियो में आप सुन सकते हैं कि कमेंटेटर्स भी यही कह रहे हैं कि इसमें भारतीय टीम की क्या गलती है। इस पर वीरेंद्र सहवाग ने भी ट्वीट करते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने लिखा- पेनल्टी मिस हुआ ऑस्ट्रेलिया से और अंपायर ने कहा, सॉरी क्लॉक स्टार्ट नहीं था। ऐसे पक्षपात क्रिकेट में भी होता था, जब तक कि हम सुपरपावर नहीं बन गए. हॉकी में भी हम जल्द बनेंगे. फिर सारी घड़ियां समय पर स्टार्ट होंगी। हमारी लड़कियों (खिलाड़ियों) पर गर्व है।

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