Virat Kohli problem: विराट कोहली की कमजोरी हुई जग जाहिर, अंग्रेजों ने फिर से उसी जाल में फंसाया
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Virat Kohli Problem: विराट कोहली की मुश्किल जस की तस बनी हुई है। मैदान पर आकर एक ही तरीके से पवेलियन लौटने का उनका सिलसिला कायम है। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रेफर्ड में कोहली ठीक उसी तरीके से आउट हुए जैसे वे लॉर्ड्स में हुए दूसरे वनडे में हुए थे। ऑफ स्टंप से बाहर निकलती ठीक वैसी ही गेंद का उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेना और विकेट के पीछे मौजूद विकेटकीपर जोस बटलर के दास्ताने में उसका चला जाना, कुछ भी नहीं बदला। फर्क सिर्फ इतना था कि दूसरे मैच में गेंदबाज डेविड विली थे और तीसरे में रीस टॉप्ली।
दूसरे वनडे में कोहली 25 गेंद में 16 रन बनाकर विली की बाहर जाती गेंद पर बटलर के हाथों लपके गए। इसके बाद उनकी बल्लेबाजी तकनीक पर सवाल उठाए गए थे। सीरीज के तीसरे मुकाबले में भी कोहली ठीक इसी तरीके से आउट हुए। उन्होंने एकबार फिर से ऑफ स्टंप से बाहर निकलती गेंद को सख्त हाथों से अप्रोच किया। उन्होंने शरीर का वजन फ्रंट फुट पर रखा और क्रीज की गहराई का इस्तेमाल नहीं किया। लॉर्ड्स वनडे में उनके आउट होने के बाद कई दिग्गजों ने ये तमाम खामियां निकाली थीं। मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भी यही हुआ। यानी कोहली की तकनीकी दिक्क्तों को लेकर होने वाली बहस अभी और आगे बढ़ेगी।
सीरीज के दूसरे मैच में विराट जब क्रीज पर आए थे तब टीम का स्कोर 4 रन था और जब वे वापस लौटे तब 31 रन। 247 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरे कोहली कप्तान रोहित के डक पर आउट होने के बाद क्रीज पर आए थे, पर वे धीरज नहीं रख सके। वहीं तीसरे वनडे में कोहली टीम के 13 के स्कोर पर वे बल्लेबाजी करने आए। उनके आते ही कप्तान रोहित पवेलियन पहुंच गए लेकिन 33 साल के कोहली एकबार फिर से अपनी जिम्मेदारी को निभाने में चूक गए। वे रन बनाने की हड़बड़ाहट में कोमल हाथों से खेलना भूल गए हैं शायद।
वेस्टइंडीज टूर पर जाने वाली भारतीय टीम में विराट शामिल नहीं हैं। वे अब अगस्त तक इंटरनेशनल क्रिकेट में खेलते नहीं दिखेंगे। वक्त के इस अंतराल में संभव हैं वे अपनी पुरानी कंसिस्टेंसी और क्लास को ढूंढ लें। इंतजार कीजिए।