12 साल बाद फैसला : कश्मीरी नेता मीरवाइज पर हमले के मामले में 19 भाजपा नेता बरी

2010 में उपद्रव फैलाने के  मामले में 22 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया  था
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25 नवंबर 2010 को हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक चंडीगढ़ सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।
25 नवंबर 2010 को हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक चंडीगढ़ सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।   भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोप तय करने में 10 साल लग गए। मामला 2010 में दर्ज किया गया था और अदालत में 17 फरवरी 2020 को भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए थे।

चंडीगढ़-  चंडीगढ़ जिला अदालत ने शुक्रवार को 12 साल पुराने मामले में चंडीगढ़ की पूर्व मेयर आशा जसवाल समेत 19 भाजपा नेताओं को बरी कर दिया। कश्मीरी नेता मीरवाइज उमर फारूक के कार्यक्रम में हमला, तोड़फोड़ और उपद्रव फैलाने के वर्ष 2010 में इस मामले में 22 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। जब मीरवाइज ने कार्यक्रम में कश्मीर और भारत-पाक संबंधों पर बोलना शुरू किया था तभी कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया था। 25 नवंबर 2010 को हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक चंडीगढ़ सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान कश्मीरी पंडितों ने एतराज जताया और हंगामा शुरू कर दिया था। 

25 नवंबर 2010 को हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक चंडीगढ़ सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।

मीरवाइज उमर फारूक के कार्यक्रम में तोड़फोड़, हमला व उपद्रव फैलाने के मामले में भाजपा नेता सुनीता धवन, चंडीगढ़ की पूर्व मेयर आशा जसवाल, चेतन संधू, संजीव कुमार, सत्यवान, अरविंद राणा, संजय कौल, परवेश शर्मा, ऊषा शर्मा, देवश्री, मीना शर्मा, सतिंदर सिंह, संतोष शर्मा, अमित राणा, हेमंत, सोनांशु, दिनेश चौहान, संजीव वर्मा, विजय सिंह, सुनील कांसल, कुलदीप कौल और राजिंदर कौर के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 149, 323 व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था।

25 नवंबर 2010 को हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक चंडीगढ़ सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।

जब मीरवाइज ने कार्यक्रम में कश्मीर और भारत-पाक संबंधों पर बोलना शुरू किया था तभी कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया था। इस दौरान कश्मीरी पंडितों ने एतराज जताया और हंगामा शुरू कर दिया था। गुस्साए लोगों ने मीरवाइज से माइक छीन लिया था और हाथापाई तक की थी। 25 नवंबर 2010 को हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक चंडीगढ़ सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।

25 नवंबर 2010 को हुर्रियत कांफ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारूक चंडीगढ़ सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे।

अदालत में सुनवाई के दौरान गवाहों ने आरोपियों को पहचानने से इन्कार कर दिया।  बाद में मामले से बरी कर दिया गया। मामला 2010 में दर्ज किया गया था और अदालत में 17 फरवरी 2020 को भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोप तय किए थे।इस मामले में आरोपी रहे भाजपा नेताओं के खिलाफ आरोप तय करने में 10 साल लग गए। आरोपियों में से संतोष शर्मा और कुलदीप कौल की मृत्यु हो चुकी है जबकि भाजपा नेता कुलजीत को अदालत भगोड़ा घोषित कर चुकी है। 

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