'बुलडोजर की कार्रवाई कानून के अनुसार हो', SC ने UP सरकार से 3 दिन में मांगा जवाब

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से जवाब मांगा है। बुलडोजर कार्रवाई के फैसले के खिलाफ दी गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की तरफ से दलील दी गई। जिसके बाद कोर्ट ने सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए 3 दिन का समय दिया है। हलफनामा में इमारतें ढहाने से जुड़ी जानकारी मांगी गई है। सरकारी पक्ष की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जहां इस कार्रवाई को सही ठहराया है वहीं याचिकाकर्ता के वकील सीयू सिंह ने इसपर रोक लगाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि कानून के हिसाब से कार्रवाई होनी चाहिए। यूपी सरकार तय करे कि इस दौरान कोई अनहोनी न हो। हालांकि कोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा- 'बिना नोटिस बुलडोजर कार्रवाई नहीं हो सकती है, लेकिन कोर्ट बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकता है। बस सरकार को कानून के अनुरूप कार्रवाई करने के लिए कह सकता है।' जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच जमीयत की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अब 21 जून को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीयू सिंह ने सुप्रीम कोर्ट को विध्वंस का कारण हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई बताया है। सिंह ने आगे तर्क दिया कि विध्वंस बार-बार होता रहता है, यह चौंकाने वाला और भयावह है। यह आपातकाल के दौरान नहीं था, स्वतंत्रता पूर्व युग के दौरान नहीं था। ये 20 साल से अधिक समय से खड़े घर हैं और कभी-कभी ये आरोपी के नहीं बल्कि उनके वृद्ध माता-पिता के भी होते हैं। वहीं सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि यूपी सरकार की तरफ से पहले ही नोटिस दिया गया था। किसी के खिलाफ गलत कार्रवाई नहीं हुई। सरकार किसी खास समुदाय को टारगेट नहीं कर रही।