गुलाबचंद कटारिया अपने बयान से एक बार फिर सुर्खियों में: उदयसिंह को टोकरी में ले जाने वाले कीरत को बताया हरिजन

कीरत को वारी समाज का होने और उसका भी जिक्र करने को लेकर समाज ने ज्ञापन भी दिया था
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गुलाबचंद कटारिया
कटारिया ने कहा कि पन्नाधाय ने अपने कीरत को बुलाया कि कीरत  काका तुम आओ, आकर ये मेवाड़ का जो भविष्य है। ये जो अपना फल का टोकरा है।  तुम इसको लेकर सुरक्षित निकल जाओ। इसमें इसको बैठाती हूं। इसके ऊपर पत्तल-दौने डाल देती हूं।

उदयपुर- पन्नाधाय पार्क और मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान गुलाबचंद कटारिया की जुबान फिसल गई। नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया अपने बयान से एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं।  इसी दौरान उदयसिंह को पत्तल की टोकरी में सुरक्षित ले जाने वाले कीरत को हरिजन बना दिया। उदयसिंह को सुरक्षित रखने और प्रांत के लिए अपने बेटे चंदन के बलिदान को लेकर कटारिया पन्नाधाय पर बोल रहे थे। 

गुलाबचंद कटारिया

कार्यक्रम के दौरान कीरत को वारी समाज का होने और उसका भी जिक्र करने को लेकर समाज ने ज्ञापन भी दिया था ।वारी समाज ने कहा कि कीरत वारी समाज का था जो पत्तल-दोने बनाने और खाना बनाने का काम करता है। ना की वाल्मिकी समाज से था।  ये जो अपना फल का टोकरा है।  तुम इसको लेकर सुरक्षित निकल जाओ। इसमें इसको बैठाती हूं। इसके ऊपर पत्तल-दौने डाल देती हूं।गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मैं ईमानदारी से अपना काम करता हूं। लोकतंत्र में सब स्वतंत्र हैं।  जो अबतक कवियों ने जिस भाव को प्रकट किया वो मेरे द्वारा नहीं लिखा है।


वारी समाज पत्तल दोने बनाने और खाना बनाने का काम करता था। इतिहासकार चंद्रशेखर शर्मा का कहना है कि उस काल में राज दरबारों में खाना बनाने और राज दरबार के अलावा सामान्य कर्मचारियों के खाने-पीने के लिए पत्तल-दोने बनाए जाते थे।कीरत भी वारी समाज से ही आता है। उसका वाल्मिकी समाज से कोई लेना देना नहीं है।टोकरी में झूठी पत्तलों पर उठाकर ले गया था। वारी समाज के होते तो जूठन-पत्तल वारी ले जाते हैं क्या। वो बनाते जरूर हैं। कवियों ने तो कई वर्षों पहले अपनी कविताएं बनाई है, मैंने तो बनाई नहीं।

गुलाबचंद कटारिया

कटारिया ने इसके बाद कहा कि महाराणा मेवाड़ का होने वाला भविष्य पत्तल-दोने में ढककर के जाता है और सुरक्षित निकल जाता है। वारी समाज भी इस बयान के विरोध में उतर आया।इस दौरान कटारिया ने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया। ऐसे में जहां एक तो जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल करने पर बवाल हो गया।  कटारिया ने कहा कि पन्नाधाय ने अपने कीरत को बुलाया कि कीरत  काका तुम आओ, आकर ये मेवाड़ का जो भविष्य है।


 

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