यूपी PWD में ट्रांसफर विवाद के बाद योगी सरकार का बड़ा एक्शन, विभागाध्यक्ष सहित अब 5 अधिकारी सस्पेंड

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाग अध्यक्ष मनोज गुप्ता और प्रमुख अभियंता नियोजन और प्रकल्प राकेश सक्सेना और वरिष्ठ स्टाफ ऑफिसर शैलेंद्र यादव निलंबित कर दिया है.
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सीएम योगी
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग के प्रमुख और मुख्य अभियंता मनोज गुप्ता सहित कुल 5 अधिकारियों को विभाग में स्थानांतरण अनियमितताओं के कारण सस्पेंड कर दिया गया है. कई अन्य अफसरों की फाइलें मुख्यमंत्री को भेजी गई हैं.

लखनऊ - यूपी के लोक निर्माण विभाग (PWD) में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अब विभाग अध्यक्ष मनोज गुप्ता और प्रमुख अभियंता नियोजन और प्रकल्प राकेश सक्सेना और वरिष्ठ स्टाफ ऑफिसर शैलेंद्र यादव निलंबित कर दिया है. इससे पहले सीएम योगी ने मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल पांडेय को हटा दिया था.

लोक निर्माण विभाग के प्रमुख और मुख्य अभियंता मनोज गुप्ता के साथ ही वरिष्ठ स्टाफ ऑफिसर शैलेंद्र यादव और प्रशासनिक अधिकारी पंकज दीक्षित और प्रधान सहायक संजय चौरसिया को निलंबित कर दिया गया है. दोनों जेई सेक्शन में तैनात थे. इसके अलावा कई अन्य अफसरों की फाइलें मुख्यमंत्री को भेजी गई हैं.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार एक्शन मोड में हैं. सोमवार को सीएम ने बड़ा एक्शन लेते हुए लोक निर्माण विभाग के मंत्री जितिन प्रसाद के ओएसडी अनिल कुमार पांडेय को हटा दिया था. राज्य सरकार ने पांडेय को तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त करते हुए उन्हें केंद्र सरकार वापस भेज दिया है.

इसके अलावा उनके विरुद्ध सतर्कता जांच और अनुशासनिक कार्रवाई करने की संस्तुति भी की है. वहीं तबादलों में गड़बड़ियों की जांच के लिए बनाई गई उच्चस्तरीय जांच समिति ने पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष मनोज कुमार गुप्ता, प्रमुख अभियंता राकेश सक्सेना और स्टाफ अफसर शैलेंद्र यादव को जिम्मेदार माना है. जिसके चलते उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है.

बता दें कि पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं के तबादलों में गड़बड़ियों की शिकायतें हुई थीं. विभाग में बड़े पैमाने पर अभियंताओं के तबादले हुए थे. मामला तूल पकड़ने और मीडिया में उजागर होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभियंताओं के तबादलों में धांधली की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया था.

सीएम योगी ने कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह और अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी की दो सदस्यीय जांच समिति गठित करने का निर्देश दिया था.समिति ने लोक निर्माण विभाग से अभियंताओं के तबादलों से जुड़ी फाइलें तलब कर प्रकरण की जांच की थी. जांच के बाद समिति ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी.

समिति ने अभियंताओं के तबादलों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को सही पाया. जांच के दौरान तबादलों में लेन-देन भी उजागर हुआ. फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गठित तीन आईएएस अधिकारियों की जांच कमेटी की सिफारिश के बाद से कार्रवाई हो रही है.

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