बैलेस्टिक मिसाइलों से लैस चाइनीज युद्धपोत पहुंच रहा श्रीलंका, भारत की चिंता बढ़ी

आखिर चाहता क्या है ड्रैगन!
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Chaina
भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि वे जहाज के प्रगति की निगरानी कर रहे हैं। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सुरक्षा और आर्थिक हितों पर किसी भी असर की बारीकी से निगरानी करेगा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। इस जहाज को चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन द्वारा नियंत्रित किया जाता है लेकिन इसमें बहुत महत्वपूर्ण सैन्य एप्लीकेशन हैं। बता दें कि चीन ने ताइवान की ओर 11 मिसाइलें भी दागीं हैं और इसमें से 5 जापान में गिरी हैं। जापान ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

दिल्ली - श्रीलंका के एक बंदरगाह की ओर जा रहे बैलिस्टिक मिसाइलों और उपग्रहों को ट्रैक करने में सक्षम चीन के एक जहाज ने भारत में सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। चाइना के इस कदम से भारत भी चिंतित होगा क्योंकि यदि यह जहाज हिंद महासागर के किसी हिस्से में तैनात किया जाता है, तो जहाज ओडिशा के तट पर व्हीलर द्वीप से भारत के मिसाइल परीक्षणों की निगरानी करने में सक्षम हो सकता है। युआन वांग क्लास जहाज 11 या 12 अगस्त को हंबनटोटा पोर्ट में पहुंचने की उम्मीद है। यह शिप उपग्रहों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों को ट्रैक करता है। इसमें 400 क्रू मेंबर हैं और यह एक बड़े परवलयिक ट्रैकिंग एंटीना और विभिन्न सेंसर से लैस है।

युआन वांग 5 एक सामान्य सैन्य जहाज नहीं है. ऐसे जहाजों की आवाजाही हिंद महासागर में हमेशा भारत के लिए बेहद खतरनाक रही है. चीन उन देशों में शुमार है जिसकी कोई भी गतिविधि बेहद गुप्त होती है. वह इसी जहाज पर मिसाइल टेस्ट भी कर सकता है. चीन इस जहाज के जरिए 750 किलोमीटर दूरी तक नजर रख सकता है।

चीन अगर चाहे तो भारत कलपक्कम, कूडनकुलम और भारतीय सीमाओं के भीतर परमाणु अनुसंधान केंद्र की जासूसी कर सकता है. द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यजहाज केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के बंदरगाहों को ट्रैक कर सकता है और दक्षिण भारत में सैन्य प्रतिष्ठानों की महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकता है।

सैन्य और सुरक्षा की नजर से हिंद महासागर पर भारत का दबदबा बेहद जरूरी है. चीन चाहता है कि म्यांमार से लेकर पूर्वी अफ्रीका तक उसकी नजर हो. भारत चाहता है कि हिंद महासागर में अपनी गतिविधियों को चीन तत्काल रोक दे. श्रीलंका की मुख्य तमिल अल्पसंख्यक पार्टी तमिल नेशनल अलायंस ने रविवार को कहा कि हिंद महासागर में चीन की सैन्य मौजूदगी भारत के रक्षा तंत्र की चिंता बढ़ाएगी. श्रीलंका को भारत के हित में चीन को जगह नहीं देनी चाहिए।

भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि वे जहाज के प्रगति की निगरानी कर रहे हैं। भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह सुरक्षा और आर्थिक हितों पर किसी भी असर की बारीकी से निगरानी करेगा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगा। इस जहाज को चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन द्वारा नियंत्रित किया जाता है लेकिन इसमें बहुत महत्वपूर्ण सैन्य एप्लीकेशन हैं। बता दें कि चीन ने ताइवान की ओर 11 मिसाइलें भी दागीं हैं और इसमें से 5 जापान में गिरी हैं। जापान ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है।China war ship

MEA के एक बयान के बाद, चीन ने कहा कि उसे उम्मीद है कि हर देश उसकी वैध समुद्री गतिविधियों में हस्तक्षेप करने से परहेज करेंगे।

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