कांग्रेस प्रदेश में चला रही स्कूल बचाओ शिक्षा बचाओ आंदोलन!

स्कूलों को बंद करने और अध्यापकों की भर्ती ना का  कांग्रेस पार्टी करेगी विरोध
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बुद्धिराजा
कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने बताया की वर्तमान में प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहद गिर चुका है जो की सरकार का शिक्षा व्यवस्था के प्रति उदासीन रवैये को साफ तौर पर दर्शाता है। जहाँ एक तरफ़ लगातार सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है वहीं प्रदेश भर के स्कूलों में शिक्षकों का अभाव होना भी बेहद गंभीर समस्या है जिसका मुख्या कारण खट्टर सरकार के 8 वर्ष के कार्यकाल में नाम मात्र सरकारी शिक्षकों की भर्ती का है।

भिवानी। हरियाणा युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने भिवानी में सरकारी स्कूल बंद करने व अध्यापकों की कमी होने को लेकर कड़ा विरोध जताया। मंगलवार को चित्रकूट रेस्ट हाउस में मीडिया से रूबरू होते हुए हरियाणा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि प्रदेश सरकार स्कूली शिक्षा में सुधार लाएं जिन सरकारी स्कूलों को बंद करने के आदेश सरकार द्वारा दिए गए हैं वापस लिया जाए और टीचर की भर्ती तुरंत प्रभाव से की जाए टीचर की भर्ती से स्कूली शिक्षा में सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार द्वारा निरंतर बंद किये जा रहे सरकारी स्कूलों व शिक्षकों के अभाव के चलते और गिरते शिक्षा स्तर के खिलाफ हरियाणा युवा कांग्रेस का प्रदेशस्तरीय आंदोलन स्कूल बचाओ-शिक्षा बचाओ आंदोलन चल रहा है।  

प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा ने बताया की वर्तमान में प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहद गिर चुका है जो की सरकार का शिक्षा व्यवस्था के प्रति उदासीन रवैये को साफ तौर पर दर्शाता है। जहाँ एक तरफ़ लगातार सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा है वहीं प्रदेश भर के स्कूलों में शिक्षकों का अभाव होना भी बेहद गंभीर समस्या है जिसका मुख्या कारण खट्टर सरकार के 8 वर्ष के कार्यकाल में नाम मात्र सरकारी शिक्षकों की भर्ती का है।

दिव्यांशु बुद्धिराजा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार द्वारा यह कार्य एक पूर्णनियोजित साजिश के तहत किया जा रहा है। जिसमें सरकार ने सबसे पहले शिक्षकों कि भर्ती न कर स्कूलों में शिक्षकों का अभाव पैदा किया गया। जिसके परिणाम स्वरुप स्कूलों में छात्रों कि संख्या निरंतर घटती जा रही है ,जिसका फायदा उठाकर सरकार सरकारी स्कूलों को बंद करती जा रही है। दिव्यांशु बुद्धिराजा ने कहा कि हाल ही में सरकार 105 स्कूलों को बंद करके व अपने मंसूबों को जाहिर कर चुकी है कि वह शिक्षा को पूर्णतया निजी हाथों में सौंपना चाहती है।

इसी श्रृंखला में और भी सैकड़ों प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च विद्यालयों के नाम हैं, जिन्हें जल्द ही बंद किया जा सकता है। प्रदेश सरकार पहले ही 450 स्कूलों में विज्ञान और भौतिकी शिक्षा को बंद कर चुकी है। यही कारण है कि मौजूदा वर्ष में पिछले वर्ष के मुकाबले एक लाख से ज्यादा एनरोलमेंट कम हुए हैं। वहीं सरकार द्वारा शिक्षकों की नई ट्रान्स्फ़र नीति की वजह से भी पूरे प्रदेश में विद्यार्थी स्कूलों के बाहर निकलकर प्रदर्शन कर रहे हैं , तर्कहीन नीति की वजह से आज कई स्कूलों में कुछ विषयों के अध्यापकों को वहाँ से हटा लिया गया है जिसकी वजह से मजबूरन उन स्कूलों से उन विषयों को ख़त्म किया जा रहा है। 

युवा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में सबसे ज़्यादा 22 सरकारी स्कूल अगर कहीं बंद हुए हैं तो वह खुद शिक्षा मंत्री के ग्रह जिले यमुनानगर में हुए हैं जो बेहद शर्मनाक है। शिक्षा विभाग की ज़िम्मेवारी जिस व्यक्ति पर हो और उसी के घर में सबसे ज़्यादा शिक्षा व्यवस्था के बुरे हाल हैं तो प्रदेश में शिक्षा प्रणाली का क्या हाल होगा , इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

प्रदेश में शिक्षा को प्रसारित करने और हर बच्चे को शिक्षित करने और सार्वजनिक शिक्षा के उत्थान के लिए पूर्व कि सरकारों ने जो समय समय पर स्कूल बनवाये है उनके सञ्चालन में भी यह सरकार पूरी तरह से विफल रही है। प्रदेश में नए स्कूल खोलना तो दूर इस सरकार ने पहले से चल रहे स्कूलों को भी बंद करने का काम किया है। हुड्डा सरकार में 1300 से ज़्यादा नए स्कूल खोले गए व 2200 से अधिक स्कूल अपग्रेड किए गए जिन्हें खट्टर सरकार बंद करने पर उतारू है।

युवा प्रदेश अध्यक्ष ने मंगलवार को गांव झरवाई में पहुंच कर राजकीय मिडिल स्कूल को बंद करने का विरोध किया और फिर से स्कूल को खोलने की मांग करते हुए कहा कि इस स्कूल को 2007 में हुड्डा सरकार ने अपग्रेड किया था किंतु यह सरकार स्कूल को बंद करने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश भर में विद्यार्थी उनके अभिभावक , शिक्षक व ग्रामीण सड़कों पर है और खट्टर सरकार की गरीब व शिक्षा विरोधी नीति के खिलाफ अपना विरोध जाहिर कर रहे है।

बीते 8 सालो में शिक्षकों की भर्ती भी न कर पाने के कारण एक और जहाँ प्रदेश बेरोजगारी में देश भर में नंबर एक पर आ चुका है वहीं मुख्यमंत्री ने स्वयं यह माना है कि प्रदेश भर के सरकारी स्कूल शिक्षकों कि कमी से झूझ रहे है और आज कि तारीख में प्रदेश भर में शिक्षकों के 35980 पद रिक्त पड़े है। 

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