BJP में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई, कहा- PM मोदी हैं बेहतरीन प्रधानमंत्री

 हजकां और बीजेपी का है चोली दामन का साथ
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kuldeep bisnoi
कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री स्व. भजलाल के बेटे हैं. कुलदीप बिश्नोई ने साल 1988 में अपने पिता भजलाल की परंपरागत सीट आदमपुर से पहली बार कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद साल 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला व पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेटे को भिवानी लोकसभा से हराकर लोकसभा सांसद चुने गए.

नई दिल्ली - पूर्व कांग्रेस नेता व आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने वीरवार, 4 अगस्त को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व अन्य नेताओं की मौजूदगी में कुलदीप बिश्नोई व उनकी पत्नी रेणुका बिश्नोई ने बीजेपी का दामन थामा. बीजेपी जॉइन करने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने कहा," मैं पीएम मोदी, अमित शाह का धन्यवाद करता हूं." उन्होंने कहा कि हजकां और बीजेपी का चोली दामन का साथ है. 


मुख्यमंत्री से प्रभावित हूं

दिल्ली में बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कहा कि  उन्होंने कहा कि हमारे बीच मतभेद थे, लेकिन मनभेद नहीं थे. उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तारीफ करते हुए कहा कि किसी भी मुख्यमंत्री का 8 साल तक बेदाग रहना बड़ी बात है. साधारण कार्यकर्ता को बीजेपी ने बड़ा सम्मान दिया है. सीएम मनोहर लाल की नई नीतियों से प्रभावित हूं. सभी मन से पार्टी के लिए काम करेंगे. हम मान-सम्मान के भूखे हैं.

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बुधवार, 3 अगस्त को उन्होंने अपनी पत्नी रेणुका बिश्नोई व अपने समर्थकों के साथ अपना इस्तीफा हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को सौंपा था. इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा कांग्रेस के सबसे बड़े नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी निशाने पर लेते हुए कहा था कि हुड्डा साहब में दम है तो आदमपुर उपचुनाव में मेरे बेटे या मेरे खिलाफ चुनाव लड़ कर दिखाए. जाहिर सी बात है कुलदीप ने हुड्डा के उस चैलेंज को याद दिलाया जो उन्होंने हाल ही में कुलदीप पर तंज कसते हुए दिया था.

भारत माता की जय

इससे पहले उन्होंने सुबह ट्वीट कर कहा, "भारत माता की जय."


कौन हैं कुलदीप बिश्नोई

कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री स्व. भजलाल के बेटे हैं. कुलदीप बिश्नोई ने साल 1988 में अपने पिता भजलाल की परंपरागत सीट आदमपुर से पहली बार कांग्रेस से चुनाव लड़ा और जीते. इसके बाद साल 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला व पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल के बेटे को भिवानी लोकसभा से हराकर लोकसभा सांसद चुने गए. इस दौरान 2005 में हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस जीती लेकिन आलाकमान ने भजलाल की बजाय भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाया. जिससे नाराज होकर कुलदीप बिश्नोई ने अपने पिता के साथ साल 22 दिसंबर 2007 में कांग्रेस से नाता तोड़कर हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी खड़ी की.


बीजेपी से किया था अपनी पार्टी का गठबंधन

हरियाणा में 2009 के विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 90 में से 89 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए लेकिन सिर्फ 6 ही विधायक बन पाए लेकिन 5 विधायकों को भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस में अपने साथ मिला लिया. साल 2011 में उनके पिता भजलाल के निधन के बाद हिसार की लोकसभा सीट खली होने के चलते उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अजय चौटाला को हराकर हिसार से लोकसभा सांसद बने. जिसके बाद उन्होंने साल 2011 में बीजेपी से गठबंधन किया था. वहीं 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन में उनकी पार्टी को 10 में से 2 सीटें मिली लेकिन वो दोनों ही सीटों पर हार गए. 

साल 2014 के विधानसभा चुनाव में वे सिर्फ दो ही सीटें जीत पाए, जिसमें हांसी से उनकी पत्नी रेणुका व आदमपुर से वो खुद. खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी नेता अनिल विज ने उन्हें लंगड़ा घोड़ा. बीजेपी से नाराज होकर 2016 में कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस में घर वापसी की. उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस का कांग्रेस में विलय कर दिया. कुलदीप बिश्नोई ने 10 साल तक अपनी पार्टी को चलाया. अब फिर से बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

बेटे भव्य बिश्नोई को भी राजनीति में लाना चाहते हैं

कुलदीप बिश्नोई अपने बेटे भव्य बिश्नोई को भी राजनीति में लाना चाहते हैं. साल 2019 के आम चुनावों में कुलपति अपने बेटे भव्य को हिसार लोकसभा से टिकट तो दिलवाने में कामयाब रहे थे लेकिन बीजेपी के कद्दावर नेता व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने उन्हें पटखनी दे दी थी. वहीं अब बताया जा रहा है कि बीरेंद्र सिंह के तेवर भी अब बागी से ही दिख रहे हैं  ऐसे में बीजेपी आगामी 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए मंथन कर रही है. कुलदीप के बीजेपी में शामिल होने पर उनका या उनके बेटे भव्य का हिसार लोकसभा से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा था. लेकिन अब उनके इस्तीफे के बाद आदमपुर विधानसभा सीट से उपचुनाव में वे अपने बेटे भव्य बिश्नोई को उम्मीदवार बनाकर विधानसभा भेजना चाहते हैं.

बीजेपी में जाट चेहरों की कमी

साल 2024 में हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव हैं. बीजेपी के पास जाट नेताओं की कमी नहीं है. लेकिन उसका गैर जाट प्रेम किसी से छिपा नहीं है. ऐसे में कुलदीप बिश्नोई मनोहर लाल खट्टर के बीच बढ़ रही मधुरता जाट भाजपा के जाट चेहरों के लिए खतरे से कम नहीं है. यह अलग बात है कि कुलदीप का रसूख़ अपने पिता भजनलाल की तरह जाटों में भी पूरा है. कांग्रेस की बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा को अब हरियाणा कांग्रेस में खेलकर खेलने का मौका मिलेगा. दोनों पिता-पुत्र सर्वजातिय संघर्ष के नेता माने जाते हैं.

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