धोखाधड़ी रोकने की तैयारी: आरबीआई ने डिजिटल लोन देने के लिए जारी किए सख्त नियम

अब उधारी सीमा बढ़ाने के लिए लेनी होगी ग्राहकों की मंजूरी
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धोखाधड़ी रोकने की तैयारी: आरबीआई ने डिजिटल लोन देने के लिए जारी किए सख्त नियम
केंद्रीय बैंक ने कहा कि नियामक चिंताओं को कम करते हुए डिजिटल ऋण विधियों के जरिए कर्ज देने के व्यवस्थित वृद्धि का समर्थन करने के लिए नियामक ढांचे को मजबूत किया गया है।

मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को डिजिटल ऋण देने के लिए सख्त मानदंड जारी किए। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने कहा कि डिजिटल ऋण सीधे कर्ज लेने वालों के बैंक खातों में जमा किया जाना चाहिए, न कि किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से। आरबीआई ने डिजिटल कर्ज के क्षेत्र में बढ़ती गड़बड़ी को रोकने के लिए ये सख्त मानदंड तैयार किए हैं।आरबीआई ने डिजिटल उधारी पर गठित कामकाजी समूह (डब्ल्यूजीडीएल) की कुछ सिफारिशों को तुरंत लागू करने का फैसला किया है। वहीं, कुछ सिफारिशों को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी गई है, जिन्हें बाद में लागू किया जाएगा।

धोखाधड़ी रोकने की तैयारी: आरबीआई ने डिजिटल लोन देने के लिए जारी किए सख्त नियम


आरबीआई ने बुधवार को कर्ज देने वाले एप को लेकर जारी निर्देश में कहा कि उसकी ओर से रेगुलेटेड फिनटेक संस्थानों को ग्राहकों की शिकायतों के समाधान के लिए अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। अगर डिजिटल मंचों के जरिये कर्ज बांटने वाले ये एप शिकायतों को 30 दिन में नहीं सुलझाते हैं तो ग्राहक केंद्रीय बैंक के लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करा सकते हैं। डिजिटल तरीके से कर्ज देने वाले एप ग्राहकों की मंजूरी के बिना उधारी सीमा नहीं बढ़ा सकेंगे।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि नियामक चिंताओं को कम करते हुए डिजिटल ऋण विधियों के जरिए कर्ज देने के व्यवस्थित वृद्धि का समर्थन करने के लिए नियामक ढांचे को मजबूत किया गया है।आरबीआई ने 13 जनवरी 2021 को ‘ऑनलाइन मंच और मोबाइल ऐप्लिकेशन के जरिए ऋण देने सहित डिजिटल उधार’ (डब्ल्यूजीडीएल) पर एक कार्य समूह का गठन किया था।  यह अधिकारी ही डिजिटल उधारी से जुड़ी शिकायतों की सुनवाई करेगा। 

डिजिटल कर्ज से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए डब्ल्यूजीडीएल की ओर से दी गई सिफारिशों के आधार पर आरबीआई ने यह निर्देश तैयार किया है। लगातार बढ़ रही डिजिटल कर्ज से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक ने 13 जनवरी, 2021 को कामकाजी समूह की स्थापना की थी।  सिफारिश में कहा गया था कि डिजिटल उधारी या तो आरबीआई की ओर से रेगुलेटेड एप दे सकते हैं या ऐसे संस्थान, जिन्हें किसी अन्य कानून के तहत मंजूरी मिली हो।

डिजिटल कर्ज से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए डब्ल्यूजीडीएल की ओर से दी गई सिफारिशों के आधार पर आरबीआई ने यह निर्देश तैयार किया है। लगातार बढ़ रही डिजिटल कर्ज से जुड़ी धोखाधड़ी को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक ने 13 जनवरी, 2021 को कामकाजी समूह की स्थापना की थी।  सिफारिश में कहा गया था कि डिजिटल उधारी या तो आरबीआई की ओर से रेगुलेटेड एप दे सकते हैं या ऐसे संस्थान, जिन्हें किसी अन्य कानून के तहत मंजूरी मिली हो।

आरबीआई ने डिजिटल उधारी पर गठित कामकाजी समूह की कुछ सिफारिशों को तुरंत लागू करने का फैसला किया है। वहीं, कुछ सिफारिशों को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी गई है, जिन्हें बाद में लागू किया जाएगा। इसके अलावा, कुछ सिफारिशों को केंद्र सरकार और अन्य शेयरधारकों से विचार-विमर्श के बाद लागू किया जाएगा। इसके लिए संस्थागत तंत्र बनाया जाएगा। 

धोखाधड़ी रोकने की तैयारी: आरबीआई ने डिजिटल लोन देने के लिए जारी किए सख्त नियम

रेगुलेटेड संस्थान को प्रमुख विवरण (की फैक्ट्स स्टेटमेंट) ग्राहक को मुहैया करानी होगी। इसमें सभी डिजिटल उधारी उत्पाद का एक स्टैंडर्ड फॉर्मेट होगा।निर्देश में कहा गया है कि बैंक और गैर-बैंकिंग संस्थानों को सुनिश्चित करना होगा कि जिनके साथ वे कारोबार कर रहे हैं, वे डिजिटल उधारी देने वाले एप उत्पादों से संबंधित फीचर को प्रमुखता से दिखाएं। इसमें कर्ज सीमा और लागत सहित सभी जानकारी होनी चाहिए।

डाटा संबंधी कार्य के लिए उनकी मंजूरी लेनी होगी।बैंक और गैर बैंक संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिनके साथ वे कारोबार कर रहे हैं, वे डिजिटल उधारी एप उत्पादों से संबंधित फीचर को प्रमुखता से दिखाएं। इसमें कर्ज की सीमा और लागत सहित सभी जानकारी होनी चाहिए। 


 

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