RBI ने लगाया 4 बैंकों पर प्रतिबंध

RBI ने चार बैंकों पर लगाया प्रतिबंध, पैसा निकासी की तय हुई लिमिट, कर्ज लेने पर भी रोक
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कुछ बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिसका असर ग्राहकों पर सीधे तौर पर पड़ेगा। यह प्रतिबंध देश के चार सहकारी बैंकों पर लगाया गया है, जो छह महीने के लिए होगा। केंद्रीय बैंक ने इन चारों सहकारी बैंकों की बिगड़ती हुई स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए प्रतिबंध को लागू किया है। आरबीआई के इस कदम के बाद जमाकर्ता एक निश्चित अमाउंट तक ही बैंक से पैसा निकाल सकेंगे।

मुंबई.  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कुछ बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं, जिसका असर ग्राहकों पर सीधे तौर पर पड़ेगा। यह प्रतिबंध देश के चार सहकारी बैंकों पर लगाया गया है, जो छह महीने के लिए होगा। केंद्रीय बैंक ने इन चारों सहकारी बैंकों की बिगड़ती हुई स्थिति को ध्‍यान में रखते हुए प्रतिबंध को लागू किया है। आरबीआई के इस कदम के बाद जमाकर्ता एक निश्चित अमाउंट तक ही बैंक से पैसा निकाल सकेंगे। वहीं ग्राहकों को इन बैंको द्वारा लोन भी नहीं दिया जाएगा।

आरबीआई ने रामगढ़िया सहकारी बैंक, नई दिल्ली; साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक, मुंबई; सांगली सहकारी बैंक, मुंबई; और शारदा महिला सहकारी बैंक लिमिटेड, तुमकुर, कर्नाटक पर प्रतिबंध लगाया है। ये प्रतिबंध बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के तहत लागू किए गए हैं। अगर आपका भी इन बैंकों में खाता है तो जान लिजिए अब आप कितने अमाउंट तक खाते से पैसा निकाल सकेंगे।

आरबीआई के निर्देशों के अनुसार, शुक्रवार यानी 8 जुलाई 2022 के बाद प्रतिबंध प्रभावी हो गया। आरबीआई ने इस संबंध में नोटिस जारी किया और कहा कि आरबीआई की पूर्व स्वीकृति के बिना, ये चार बैंक कोई ऋण नहीं दे सकते हैं या उनका नवीनीकरण नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा निवेश या नई जमा स्‍वीकार किया जा सकता है।

आरबीआई के निर्देश के तहत इन चारों सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं द्वारा निकासी पर भी एक सीमा लगाई गई है। रामगढ़िया सहकारी बैंक और साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक के मामले में, प्रति जमाकर्ता 50,000 रुपए है, जबकि सांगली सहकारी बैंक के मामले में यह सीमा 45,000 रुपए प्रति जमा है। शारदा महिला सहकारी बैंक के मामले में, एक जमाकर्ता अधिकतम 7,000 रुपए निकाल सकता है।

वहीं केंद्रीय बैंक ने अलग-अलग बयानों में भारत के केंद्रीय बैंक ने कहा कि आरबीआई द्वारा निर्देशों के मुद्दे को “बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं माना जाना चाहिए”। प्रत्येक मामले में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वह परिस्थितियों के आधार पर निर्देशों में संशोधन पर विचार कर सकता है। 

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