JCB और बुलडोजर का रंग पीला क्यों होता है?
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दिल्ली. जेसीबी और बुलडोजर इन दिनों राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय हैं। पहले यूपी में बाबा का बुलडोजर, उसके बाद एमपी का बुलडोजर और अब गुजरात में दादा का बुलडोजर का चाचा. इन दोनों मशीनों का उपयोग निर्माण और निर्माण में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहले जेसीबी और बुलडोजर का रंग सफेद और लाल हुआ करता था। लेकिन बाद में इसे पीला रंग दिया गया। लेकिन पीला रंग क्यों दिया गया, आइए जानते हैं।
दरअसल, शुरू में जेसीबी मशीन का रंग लाल और सफेद हुआ करता था। जैसे-जैसे जेसीबी मशीन की मांग बढ़ी। इसी तरह जेसीबी मशीनों में अन्य बदलावों के साथ-साथ इसका रंग भी बदला गया है। जेसीबी बनाने वाली कंपनी ने देखा कि मशीन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है। फिर कंपनी ने जेसीबी मशीन का रंग बदल दिया। कंपनी ने जेसीबी का रंग बदलकर पीला कर दिया।
जेसीबी पहले सफेद या लाल रंग की हुआ करती थी। दरअसल, निर्माण स्थलों पर जब जेसीबी मशीन काम करती थी तो मशीन दूर से दिखाई नहीं देती थी। इन मशीनों को रात में भी दूर से नहीं देखा जा सकता था। लेकिन बाद में जेसीबी मशीन का रंग पीला हो गया, जिससे जेसीबी मशीन दूर तक नजर आई। रात हो या दिन, इसे दूर से ही देखना आसान हो जाता है। पीले रंग के कारण लोग दूर से ही समझ सकते हैं कि मशीन वहीं खड़ी है, वहां खुदाई या अन्य निर्माण कार्य चल रहा है।
JCB एक ब्रिटिश निर्माण कंपनी है। कंपनी कृषि, निर्माण और निर्माण क्षेत्रों के लिए उत्पादों का उत्पादन करती है। इसकी स्थापना 1945 में हुई थी। कंपनी का प्रधान कार्यालय इंग्लैंड के स्टैफोर्डशायर के रोचेस्टर क्षेत्र में है। अब इसके दुनिया भर के कई देशों में विनिर्माण संयंत्र हैं। यह भारत में भी निर्मित होता है। अधिकांश निर्यात अमेरिका, ब्राजील और यूनाइटेड किंगडम से आता है। इसका बाजार दक्षिण-पूर्व एशिया में भी फैला हुआ है। इंग्लैंड में बनी 70 प्रतिशत मशीनों की आपूर्ति 150 देशों को की जाती है।