राजस्थान के सीकर में रची गई सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश, 5 शूटरों ने की हत्या

चंडीगढ़: पंजाब के सिंगर व कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में धीरे-धीरे सब राज़ खुलते जा रहे हैं। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस को अहम इनपुट मिले हैं। पता चला है की मूसेवाला की हत्या की साजिश राजस्थान के सीकर में की गयी थी। प्लान के मुताबिक मूसेवाला के 7 दिन घर की रेकी गई। 7 हमलावरों में से 5 शूटर थे। हत्याकांड में सीकर व तलवंडी साबो से लाई गई गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था। पता चला है कि हमलावरों में से एक राजस्थान का था बाकी पंजाब से थे।
पुलिस की 25 टीमें पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड और राजस्थान में छापेमारी कर रही हैं। जानकारी के मुताबिक शूटरों को 15 दिन पहले हथियार मुहैया करवाये गए थे। सीकर से बिश्नोई गैंग ने बोलेरो और मनप्रीत सिंह ने कोरोला गाड़ी मुहैया करवाई थी। सिद्धू मूसेवाला जब अपनी गाड़ी महिन्द्रा थार में जा रहे थे तभी हमलावरों ने उनकी गाड़ी को टक्कर मारने के बाद बोनट पर चढ़ कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी। मूसेवाला कि गाड़ी से टक्कर लगने के कारण उनकी कोरोला गाड़ी का दरवाजा भी टूट गया था। इसलिए उन्होंने गाड़ी को बीच रास्ते मे छोड़ दिया और धर्मकोट से ऑल्टो गाड़ी छीनकर फ़रार हुए थे। बोलेरो में सवार हमलावरों भी गाड़ी को छोड़कर भाग गए थे। बताया जा रहा है कि हमलावर कई दिनों से मूसेवाला की मूवमेंट पर नज़र रख रहे थे।
सिद्धू मूसेवाला की पिस्टल में गोली पूरी होती तो शायद जान बच सकती थी।
पंजाब में मनसा जिले के जवाहर नगर में हुए मूसेवाला हत्याकांड में घायल दो साथी गुरविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह ने पुलिस को बताया कि अगर सिद्धू मूसेवाला के पास अगर पिस्टल में सभी गोलियां होती तो शायद उनकी जान बच सकती थी।
पजेरो गाड़ी में पंचर मिला था।
उन्होंने बताया कि सिद्धू मूसेवाला घर पर ही थे, तभी उन्होंने कहा कि मौसी का हाल-चाल जानने चलते हैं। मूसेवाला ने पजेरो गाड़ी निकाली तो पता चला कि गाड़ी में पेंचर है। पजेरो में सिद्धू के साथ उनके गनमैन भी जाने वाले थे, लेकिन गाड़ी पेंचर थी तो सिद्धू ने अपनी गाड़ी महिंदा थार में जाने की बात कही, गनमैन नजदीक आने लगे तो सिद्धू ने मना करते हुए कहा कि यहीं नजदीक जाना है 10 मिनट में वापिस आ जाएंगे। हालांकि थार में जगह कम थी इसलिए भी मूसेवाला ने गनमैन नही लिए।
कोरोला गाड़ी ने पीछा करना शुरू कर दिया।
मूसेवाला थार चला रहे थे, जैसे ही उन्होंने घर से थोड़ी दूर मैन रोड़ पर गाड़ी चढ़ाई तो उनके पीछे कोरोला गाड़ी लग गई। एक दोस्त ने कहा कि कोई हमारा पीछा कर रहा है। हमे रास्ता बदल लेना चाहिए। इस पर मूसेवाला ने कहा कि कोई फैन होगा। फ़ोटो खिंचवाने के लिए अक़्सर लोग ऐसा करते हैं। उन्होंने बताया की फ़ैन के पीछा करने पर वो गाड़ी साइड में रोककर फ़ोटो खिंचवा लेते हैं।
फिर दूसरी दिशा में मुड़ गए हमलावर।
उन्होंने बताया कि तलवंडी-मानसा रोड़ पर दो रास्ते हैं। मूसेवाला ने थार को बाएं तरफ मोड़ लिया तो कोरोला गाड़ी दाएं तरफ मुड़ गयी। उन्होंने कहा कि ये कोरोला गाड़ी में बैठे हमलवारों की चाल थी जिससे मूसेवाला को ये लगे कि कोई ग़लत इरादे से पीछा नही कर रहा। गाड़ी के दूसरी दिशा में मुड़ने पर मूसेवाला ने कहा वे फ़ैन ही थे।
फिर अचानक से कोरोला गाड़ी तेज़ रफ़्तार से पीछे आई थार के बराबर में चलने लगी। कोरोला गाड़ी में से हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। उन्होंने बताया को उन्होंने सबसे पहले थार के तीन टायर पंचर कर दिए। मूसेवाला ने कहा कि घबराओ मत! मेरे पास पिस्टल है।
सिद्धू ने पिस्टल निकाली और लगातार दो फायर किए। लेकिन उसके बाद पिस्टल खाली हो गई। यह देख कोरोला गाड़ी में बैठे हमलावर डर गए और गाड़ी आगे भगा ली। हालांकि पिस्टल में दो ही कारतूस थे ये बात मूसेवाला को भी नही पता थी।
जब पीछे से फायरिंग बंद हो गई तो हमलावर अपने दूसरे साथियों के साथ वापिस आये। कोरोला और बुलेरो में से उतर कर हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
मॉडर्न राइफल से फायरिंग की।
गुरविंदर और गुरप्रीत ने बताया कि उन्हें सिर्फ टायरों पर हुई फायरिंग का पता चला। मूसेवाला की पिस्टल में गोलियां ख़त्म हो गई थीं। हमलावरों ने मॉडर्न राइफल से ताबड़तोड़ फायरिंग की तो गाड़ी के अंदर धुंआ भर गया था। उनका टारगेट सिर्फ़ और सिर्फ़ मूसेवाला ही था। थार के बोनट पर चढ़कर भी उन्होंने ड्राइवर साइड पर ही फायरिंग की। गाड़ी गोलियों से छलनी हो गई थी, मूसेवाला लुढ़ककर आगे बैठे साथी की गोद मे गिर गए। सिद्धू मूसेवाला कि मौत तय करने के बाद ही हत्यारे वहां से भागे। बताया जा रहा है को हमलावरों ने रूसी AN-94 असॉल्ट राइफल इस्तेमाल की थी।