क्या होता है सैटेलाइट फोन, क्यों इसे आम नागरिक यूज नहीं सकते

भारत में इसे यूज करने के लिए सरकार के टेलीकम्यूनिकेशन विभाग(Telecommunication Department) से अनुमति लेनी पड़ती है
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BSNL ने सरकारी यूजर्स के लिए 18 रुपये प्रति मिनट तय की हुई है. वहीं कमर्शियल यूजर्स को 25 रुपये प्रति मिनट देने पड़ते हैं. सरकार आर्म्ड फोर्सेज को सैटेलाइट फोन के इस्तेमाल पर सब्सिडी भी देती है. वहीं सैटेलाइट फोन से इंटरनेशनल कॉल की दर 250 रुपये प्रति मिनट से भी ज्यादा है.

लखनऊ - हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने लखनऊ एयरपोर्ट पर एक शख्स को सैटेलाइट फोन(Satellite Phone) के साथ हिरासत में लिया. पकड़ा गए युवक का नाम कुलदीप बताया जा रहा है. वह लखनऊ से मुंबई जा रहा था. पूछताछ में पता चला कि फोन अबू धाबी के एक बिजनेसमैन खालदून अल मुबारक(Businessman Khaldoon Al Mubarak) का है. खालदून अल मुबारक मैनचेस्टर सिटी(Manchester City) और मुंबई सिटी फुटबॉल क्लब(Mumbai City Football Club) के चेयरमैन हैं. एयरपोर्ट पर पकड़ा गया शख्स उन्हीं के यहां काम करता है. पिछले महीने जब वह अबू धाबी से लौटा तो साथ में फोन लेकर आ गया था. फिलहाल पुलिस इस मामले की पूरी जांच कर रही है. 

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कुलदीप से आईबी(Intelligence Bureau) की टीम पूछताछ कर रही है. पकड़े गए शख्स के खिलाफ इंडियन वायरलेस एक्ट(Indian Wireless Act) की धारा-6 और इंडियन टेलिग्राफ एक्ट(Indian Telegraph Act) की धारा-20 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. भारत में सैटेलाइट फोन प्रतिबंधित है. ऐसे में समझते हैं कि सैटेलाइट फोन आखिर होता क्या है, भारत में आम लोग इसे क्यों नहीं रख सकते और अगर देश में किसी को यह फोन रखना हो तो क्या कर सकते हैं.

हम जो फोन मोबाइल करते हैं वो हमारे आसपास के मोबाइल से कनेक्ट होता है. उसके लिए हमें एक खास कंपनी की सिम कार्ड भी मोबाइल में डालनी होती है. जब हम किसी दूसरे इलाके में जाते हैं तो वहां लगे उस कंपनी के टावर से हमारा मोबाइल कनेक्ट हो जाता है जिससे हम इंटरनेट और फोन पर बात कर सकते हैं. लेकिन जब हम ऐसे जगह जाते हैं जहां उस कंपनी का टावर नहीं होता है या दूर होता है  तो हमें मोबाइल पर बात करने व इंटरनेट चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. 

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आपके बता दें, सैटेलाइट फोन के साथ  ऐसी कोई समस्या नहीं है. क्योंकि ये फोन जमीन पर लगे टावर से सिग्नल नहीं लेते हैं. बल्कि ऐसे फोन को अंतरिक्ष में भेजे गए सैटेलाइट से सिग्नल(Satellite Signal) मिलता है. ये सैटेलाइट धरती के चारों ओर चक्कर लगा रहे होते हैं. ये सैटेलाइट जमीन पर लगे रिसीवर को रेडियो सिग्नल(Radio Signal) भेजते हैं. रिसीवर सेंटर सैटेलाइट फोन को सिग्नल ट्रांसमिट करता है, जिसके बाद बात करना संभव हो पाता है. सैटेलाइट फोन से हम दुनिया के किसी भी हिस्से में बैठकर बात कर सकते हैं. लेकिन उसके लिए हमें थोड़ा वक़्त लग सकता है क्योंकि जिन सैटेलाइट्स से ये सिग्नल रिसीव करते हैं वो धरती से हज़ारों किलोमीटर दूर होते हैं. 

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इसे आम बोलचाल में 'सैट फोन(Sat Phone)' भी कहा जाता है. पहले सैटेलाइट फोन में सिर्फ कॉलिंग और मैसेज(Calling And Messages) की सुविधा होती थी. लेकिन अब नए सैट फोन इंटरनेट सुविधाओं के साथ भी आ रहे हैं. एक बात और, इसे मोबाइल कॉल की अपेक्षा ट्रेस करना बहुत मुश्किल होता है. इसे सिर्फ हाई टेक टेक्नोलॉजी(High technology) वाली खुफिया एजेंसी ही ट्रेस(Trace) कर सकती हैं. इसलिए डिफेंस में सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा आपदा ग्रस्त इलाकों में भी सैटेलाइट फोन यूज किया जाता है.

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भारत में सैटेलाइट फोन आम लोगों के लिए बैन किया हुआ है. सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी(National Security) को देखते हुए इसे बैन किया हुआ है. दूसरे देशों से भारतीय पोर्ट पर आने वाले बड़े जहाजों में लोग इसका यूज करते हैं. हालांकि भारतीय सीमा में आने पर इसका यूज नहीं कर सकते. अगर कोई व्यक्ति दूसरे देश से इसे भारत में लाता है तो उसे इसकी जानकारी कस्टम विभाग(Custom Department) को देनी होती है. बिना सरकार की अनुमति के इसे यूज करने पर बैन है.

भारत में इसे यूज करने के लिए सरकार के टेलीकम्यूनिकेशन विभाग(Telecommunication Department) से अनुमति लेनी पड़ती है. इसके अलावा बीएसएनएल(BSNL) को दिए गए लाइसेंस के तहत भी अनुमति लेकर सैट फोन का यूज कर सकते हैं. बीएसएनएल ने मई 2017 में सैटेलाइट फोन सेवा शुरू की थी.

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देश के दुर्गम इलाकों में आपदा प्रबंधन को संभालने वाली एजेंसी, पुलिस, रेलवे, बीएसएफ, सेना और दूसरी सरकारी सुरक्षा एजेंसियों को जरूरत पड़ने पर सैटेलाइट फोन के इस्तेमाल की अनुमति दी जाती है. इसके अलावा कई बड़े कॉरपोरेट्स घरानों को भी सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल करते हैं. सैटेलाइट फोन के अवैध इस्तेमाल पर सरकार जांच एजेंसियों के जरिये लगातार निगरानी रखती है.

जिस तरीके से सस्ती रेट पर हम हमारे मोबाइल फोन कॉल करते हैं. सैटेलाइट फोन के साथ नहीं है. इसकी लोकल कॉल रेट भी काफी ज्यादा है. बीएसएनएल(Bhartiya Sanchar Nigam Limited) ने सरकारी यूजर्स के लिए 18 रुपये प्रति मिनट तय की हुई है. वहीं कमर्शियल यूजर्स को 25 रुपये प्रति मिनट देने पड़ते हैं. सरकार आर्म्ड फोर्सेज को सैटेलाइट फोन के इस्तेमाल पर सब्सिडी(Subsidy) भी देती है. वहीं सैटेलाइट फोन से इंटरनेशनल कॉल की दर 250 रुपये प्रति मिनट से भी ज्यादा है.

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