मिग-21 क्रैश में शहीद दोनों पायलट ने बचाई 2500 लोगों की जान

हवा में ही लग गई थी आग, क्रैश से पहले दोनों पायलट रेतीले टीलों की तरफ ले गए प्लेन

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बाड़मेर में वायुसेना का MIG-21 फाइटर प्लेन आबादी इलाके से करीब दो किलोमीटर दूर रेत के टीले पर क्रैश हुआ। इस हादसे में IAF के दो पायलट शहीद हो गए। IAF  फाइटर विमान मिग-21 उतरलाई एयरबेस से ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना के मुताबिक, तकनीकी खराबी या किसी अन्य कारण से प्लेन में हवा में ही आग लग गई थी। दोनों पायलट्स को इसका अंदेशा भी हो गया था। ऐसे में सूझ-बूझ दिखाते हुए दोनों मिग को गांव से दूर ले गए और रेत के टीलों में वह क्रैश हो गया। 3 किलोमीटर तक धमाका सुनाई दिया, जहां मिग गिरा वहां आसपास के रेत के टीलों में भी आग फैल गई।
बाड़मेर में वायुसेना का MIG-21 फाइटर प्लेन आबादी इलाके से करीब दो किलोमीटर दूर रेत के टीले पर क्रैश हुआ। इस हादसे में IAF के दो पायलट शहीद हो गए। IAF  फाइटर विमान मिग-21 उतरलाई एयरबेस से ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना के मुताबिक, तकनीकी खराबी या किसी अन्य कारण से प्लेन में हवा में ही आग लग गई थी। दोनों पायलट्स को इसका अंदेशा भी हो गया था। ऐसे में सूझ-बूझ दिखाते हुए दोनों मिग को गांव से दूर ले गए और रेत के टीलों में वह क्रैश हो गया। 3 किलोमीटर तक धमाका सुनाई दिया, जहां मिग गिरा वहां आसपास के रेत के टीलों में भी आग फैल गई।

बाड़मेर - स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव में करीब 2500 के आसपास आबादी है और जहां पर मिग क्रैश हुआ वहां पर भी कई ढाणियां थीं। इन्हें बचाते हुए पायलट्स विमान को रेत के टीले की तरफ ले गए थे। घटनास्थल से लोगों को उनके पर्स, घड़ी व मोबाइल मिले थे, सारी चीजों को प्रशासन के अधिकारियों को सुपुर्द कर दिया गया है।

बाड़मेर में वायुसेना का MIG-21 फाइटर प्लेन आबादी इलाके से करीब दो किलोमीटर दूर रेत के टीले पर क्रैश हुआ। इस हादसे में IAF के दो पायलट शहीद हो गए। IAF  फाइटर विमान मिग-21 उतरलाई एयरबेस से ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना के मुताबिक, तकनीकी खराबी या किसी अन्य कारण से प्लेन में हवा में ही आग लग गई थी। दोनों पायलट्स को इसका अंदेशा भी हो गया था। ऐसे में सूझ-बूझ दिखाते हुए दोनों मिग को गांव से दूर ले गए और रेत के टीलों में वह क्रैश हो गया। 3 किलोमीटर तक धमाका सुनाई दिया, जहां मिग गिरा वहां आसपास के रेत के टीलों में भी आग फैल गई।


मिग-21 क्रैश में शहीद दोनों पायलट करीब 2500 लोगों की जान बचा गए। बाड़मेर के भीमड़ा गांव से 2 किलोमीटर दूर ईशरामों का तला गांव में गुरुवार रात करीब 9 बजकर 10 मिनट पर यह हादसा हुआ।रूटीन उड़ान पर निकले फाइटर प्लेन में हवा में ही आग लग गई थी। फिर भी जांबाज पायलटों ने खुद की जान की परवाह नहीं की। वे आग लगे मिग को क्रैश से पहले 2 किलोमीटर दूर रेत के टीलों की तरफ ले गए। अगर MIG गांव में गिरता तो जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता था। भीमडा ग्राम पंचायत के ईशरामों का तला गांव के जिस खेत में मिग क्रैश हुआ, वहां करीब 10-15 फीट तक गहरा गड्डा हो गया। उसका मलबा करीब आधा किलोमीटर तक बिखर गया। मलबे में भी आग लगी हुई थी। लोगों ने किसी तरह से मिट‌्टी डालकर उसे बुझाने का प्रयास किया।

बाड़मेर में वायुसेना का MIG-21 फाइटर प्लेन आबादी इलाके से करीब दो किलोमीटर दूर रेत के टीले पर क्रैश हुआ। इस हादसे में IAF के दो पायलट शहीद हो गए। IAF  फाइटर विमान मिग-21 उतरलाई एयरबेस से ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना के मुताबिक, तकनीकी खराबी या किसी अन्य कारण से प्लेन में हवा में ही आग लग गई थी। दोनों पायलट्स को इसका अंदेशा भी हो गया था। ऐसे में सूझ-बूझ दिखाते हुए दोनों मिग को गांव से दूर ले गए और रेत के टीलों में वह क्रैश हो गया। 3 किलोमीटर तक धमाका सुनाई दिया, जहां मिग गिरा वहां आसपास के रेत के टीलों में भी आग फैल गई।

IAF (भारतीय वायुसेना) का फाइटर विमान मिग-21 उतरलाई एयरबेस से ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरी थी। भारतीय वायुसेना के मुताबिक, तकनीकी खराबी या किसी अन्य कारण से प्लेन में हवा में ही आग लग गई थी। दोनों पायलट्स को इसका अंदेशा भी हो गया था। ऐसे में सूझ-बूझ दिखाते हुए दोनों मिग को गांव से दूर ले गए और रेत के टीलों में वह क्रैश हो गया। 3 किलोमीटर तक धमाका सुनाई दिया, जहां मिग गिरा वहां आसपास के रेत के टीलों में भी आग फैल गई।

भीमडा ग्राम पंचायत के ईशरामों का तला गांव के जिस खेत में मिग क्रैश हुआ, वहां करीब 10-15 फीट तक गहरा गड्डा हो गया। उसका मलबा करीब आधा किलोमीटर तक बिखर गया। मलबे में भी आग लगी हुई थी। लोगों ने किसी तरह से मिट‌्टी डालकर उसे बुझाने का प्रयास किया।

जांगू की ढाणी में रहने वाले चंद्र प्रकाश ने बताया कि हवा में ही प्लेन में आग लग चुकी थी। वह गांव के ऊपर से दो-तीन बार घूमा। पायलट को शायद यह अनुमान हो गया था कि यहां आसपास आबादी है। प्लेन सोकला की तरफ से आया था। उसे उतारने के लिए जगह नहीं मिल रही थी तो वे रेत के टीले की तरफ गए, जहां वह क्रैश हो गया।

स्थानीय निवासी और आर्मी से रिटायर्ड संपतराज ने कहा, 'हम घर के बाहर खाना खाकर खड़े ही थे कि देखा, एक प्लेन में आग लगी हुई है, वह आसमान में घूम रहा था। हम लोगों को समझ में नहीं आ रहा था और गांव के लोग डरे हुए थे। कुछ ही देर में वह टीले की तरफ जैसे ही क्रैश हुआ तो जबर्दस्त आवाज आई। मैं और कुछ लोग उस ओर भागे कि हो सकता है पायलट फंसा हो, उसे बचा निकाल लेंगे। लेकिन उन दोनों ने गांववालों को बचाते हुए खुद की कुर्बानी दे दी। 

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