कद में छोटे दंपती के हौसले की बड़ी कहानी: स्टेट पैरा एथलेटिक्स में 23 मेडल जीते; अब पैरालिंपिक खेलने की तैयारी

बौने पति-पत्नी  का कद महज 3.2 और 3.3 फीट, शीशपाल लिंबा और निशा लिंबा के एक बेटा भी है 
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कद में छोटे दंपती के हौसले की बड़ी कहानी:  पति-पत्नी ने स्टेट पैरा एथलेटिक्स में 23 मैडल जीते; अब पैरालिंपिक खेलने की तैयारी
बौना कद होने पर लोग मजाक बनाते, ताने मारते। चिढ़ाते थे कि सर्कस में चले जाओ। मगर श्रीगंगानगर के इस बौने कपल ने जिंदगी की चुनौतियों को स्वीकार किया और आगे बढ़ता गया। दोनों ने पैरा एथलेटिक्स में नेशनल लेवल पर खेलते हुए कई मैडल जीते। बौने पति-पत्नी  का कद महज 3.2 और 3.3 फीट है। अब दोनों पैरालिंपिक में खेलने की तैयारी में जुटे हैं।

श्रीगंगानगर- जब जीत का जज्बा आपके जहन में हो तो मायने नहीं रखता है आपका कद और काबिलियत क्या है । जी हां ऐसा ही कर दिखाया  श्रीगंगानगर के इस बौने कपल ने । जिंदगी की चुनौतियों को स्वीकार किया और आगे बढ़ता गया। लोग  छोटे कद का मजाक उड़ते थे। लोग मजाक बनाते, ताने मारते। हमें एक मजाक के रूप में ही देखा जाता था। लेकिन कभ्ज्ञी हताश नहीं हुए।  नॉर्मल लोगों की तरह ही पढ़ाई की और खेल में भी हाथ आजमाया। अब समझ में आया कि कद से ज्यादा आपकी काबिलियत अहम है। वही आपको जीवन में आगे लेकर जाती है। 

 

 

कद में छोटे दंपती के हौसले की बड़ी कहानी:  पति-पत्नी ने स्टेट पैरा एथलेटिक्स में 23 मैडल जीते; अब पैरालिंपिक खेलने की तैयारी

असल में शीशपाल लिंबा और उनकी पत्नी निशा लिंबा अब पैरा एथलीट हैं। दोनों मिलकर नेशनल टूर्नामेंट में 23 मैडल जीत चुके हैं। द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित आरडी सिंह, महावीर सैनी और रामावतार सैन ने उन्हें खेल की बारीकियां और दांवपेंच सिखाए। वे साई के रिटायर्ड कोच जसकरण सरां से भी खेल गुर सीख रहे हैं। बेंगलुरु में चार जुलाई को नेशनल प्रतियोगिता होनी थी। इसके लिए ये कपल तीस जून को श्रीगंगानगर से रवाना हुआ था, लेकिन वह प्रतियोगिता फिलहाल टल गई है। हालांकि वे अपनी प्रैक्टिस में जुटे हुए हैं।

कद में छोटे दंपती के हौसले की बड़ी कहानी:  पति-पत्नी ने स्टेट पैरा एथलेटिक्स में 23 मैडल जीते; अब पैरालिंपिक खेलने की तैयारी


शीशपाल को उनका जीवनसाथी मिलना भी भी कम रोचक नहीं है। 2017 में एक परिचित ने निशा और उनके परिवारों को मिलवाया था। निशा दिल्ली की रहने वाली है। दोनों की सहमति के बाद 2017 में शादी हो गई। दोनों का एक बेटा भी है। शीशपाल ने साल 2014 से 2017 तक प्रशासनिक सेवा की तैयारी की। मगर सिलेक्शन नहीं हुआ। साल 2017 में पैरा एथलेटिक्स के बारे में पता चला। तब पत्नी निशा के साथ तैयारी करना शुरू किया। निशा ने पहले ही साल में तहलका मचा दिया। खेलों में अपने प्रदर्शन के दम पर निशा को पीडब्ल्यूडी में क्लर्क की नौकरी मिल गई।

कद में छोटे दंपती के हौसले की बड़ी कहानी:  पति-पत्नी ने स्टेट पैरा एथलेटिक्स में 23 मैडल जीते; अब पैरालिंपिक खेलने की तैयारी


 साल 2017 में दोनों ने उदयपुर में स्टेट पैरा एथलेटिक्स में पांच पदक जीते। शीशपाल को शॉटपुट, जैवलिन और डिस्कस थ्रो में गोल्ड मिला। वहीं निशा ने 100 और 200 मीटर दौड़ में गोल्ड हासिल किया। साल 2018 में निशा ने डिस्कस थ्रो और शॉटपुट में ब्रांज मेडल जीता। इसी तरह 2019 में स्टेट चैंपियनशिप में उसने सौ मीटर दौड़ व लोंग जंप में गोल्ड और शीशपाल ने शॉटपुट व डिस्कस थ्रो में सिल्वर और जैवलिन थ्रो में ब्रांज मैडल पर कब्जा जमाया। 2020 में शीशपाल ने जैवलिन थ्रो में सिल्वर और शॉटपुट में ब्रांज मैडल अपने नाम किया।2021 में निशा ने नेशनल पैरालिंपिक में गोला फेंक में गोल्ड और डिस्कस थ्रो में सिल्वर मैडल जीता। मार्च 2022 में जयपुर में पैरालिंपिक स्टेट प्रतियोगिता में निशा ने शॉटपुट और डिस्कस थ्रो में गोल्ड जीता।

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